बरेली। बरेली कॉलेज बरेली के पर्यावरण विभाग में विश्व ओजोन दिवस पर छात्रों के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्रों ने ओजोन परत को लेकर अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां अपने भाषणों के दौरान दीं। बताया कि 16 सितंबर 1987 को ओजोन छिद्र का पता लगाया गया था। कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में 33 देशों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से इस पर कार्य भी किया गया। 1985 में सबसे पहले अंटार्कटिका में इसे देखा गया।
ओजोन परत क्या होती है? इसके बारे में भी छात्रों ने पूरी जानकारी दी। पृथ्वी के वायुमंडल में एक परत है, जो लगभग 10 किलोमीटर की जगह घेरे हुए है और सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावायलट किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। यह ओजोन परत इन किरणों का 99 फीसदी भाग रिफ्लेक्ट कर सिर्फ एक पर्सेंट भाग ही पृथ्वी तक आने देती है। इससे यह अनेक रोगों से बचाव करती है इसलिए इसको Protection layer of Earth भी कहा जाता है।
सन 1994 में पहली बार ओजोन दिवस का आयोजन किया गया था। तब से प्रतिवर्ष 16 सितंबर को पूरे विश्व में यह खुशी के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा छात्रों ने ओजोन क्षेत्र से होने वाली हानियों को बताया। साथ ही कैसे हम पर्यावरण को शुद्ध कर सकते हैं और ओजोन लेयर प्रोटेक्ट कर सकते हैं इसके बारे में अपने विचार रखे। छात्रों ने प्रदूषण पर भी पूरा ध्यान आकर्षित किया और प्रदूषण को ओजोन छिद्र का सबसे मुख्य कारण बताया। समापन पर छात्रों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित भी किया गया।
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