नई दिल्ली:भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे आकर्षक अभिनेताओं में से एक शशि कपूर की आज 83 वीं जयंती हैं।वो एक थिएटर प्रेमी, अद्भुत अभिनेता, निर्माता और महान पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे, शशि कपूर का जन्म 18 मार्च, 1938 को हुआ था। शशि खुद में एक आइकन थे, और सिनेमा और रंगमंच के लिए उनका योगदान बहुत बड़ा है।
दीवार, वक्त और कभी-कभी जैसी हिट फिल्मों में अपने अभिनय से दीवाना बनाने वाले हैंडसम शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था।वर्ष 2011 में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।
उन्होंने 4 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में प्रवेश किया और एक सौ पचास फिल्मों का हिस्सा थे, और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी थे। सिनेमाई किंवदंती ने आग (1948) में बाल कलाकार के रूप में अपनी शुरुआत की। यह फिल्म उनके बड़े भाई और अभिनेत्री करीना कपूर और अभिनेता रणबीर कपूर के दादा – शानदार शोमैन राज कपूर द्वारा बनाई गई थी।
शशि ने कई अन्य ब्लॉकबस्टर हिट फिल्मों में से प्यार किया, प्यार का मौसम, देवर, कभी कभी, आ गले लग जा, चोर मचाये शोर जैसी विभिन्न हिंदी फिल्मों में काम किया।
शशि कपूर पर फिल्माएं गए बेहतरीन गानों में
कहाँ शाम-ओ-सहर ये, कहाँ दिन-रात मेरे बहुत रुसवा हुए हैं, यहाँ जज़्बात मेरे
परदेशियों से न अखियां मिलाना परदेशियों को है एक दिन जाना
ओ दिलबर जानिए, तेरे हैं हम तेरे छुपा लेंगे इन आँखों में, सनम हम ग़म तेरे
इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं ये क़दम किसी मुक़ाम पे जो थम गए तो कुछ नहीं इक रास्ता है ज़िन्दगी ..
पद्म भूषण व दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता शशि कपूर को उनके जन्म दिवस पर हार्दिक श्रद्धांजलि