इंदौर। आपको पांच दिन पहले का वह वीडियो याद है- पत्थर, ईंट, क्रेट फेंकती उन्मादी भीड़ और जान बचाकर भागती स्वास्थ्यकर्मियों की टीम। इस मीडिकल टीम का “कसूर” सिर्फ इतना था कि वह एक सूचना के बाद इस क्षेत्र में लोगों की स्क्रीनिंग कर रही थी ताकि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण मिलें तो उसे इलाज के लिए भेजा जा सके। हमलावरों पर कार्रवाई के बाद 3 अप्रैल को यह मेडिकल टीम टाटपट्टी बाखल की उन्हीं तंग गलियों में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए फिर लौटी और 4 अप्रैल को देर रात आई जांच रिपोर्ट ने इस घनी बस्ती में 10 लोगों के कोरोना वायरस पॉजिटिव होने की पुष्टि कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, 3 और 4 अप्रैल को भेजे गए सैंपल में से 16 पॉजिटिव पाए गए हैं। इन 16 में से 10 लोग इसी टाटपट्टी बाखल इलाके के हैं जहां पर पत्थरबाजी हुई थी। इनमें 5 पुरुष और 5 महिलाएं हैं। पॉजिटिव पाए गए लोगों की उम्र 29 साल से 60 साल तक है।
स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर किया था हमला
दो महिला डॉक्टरों के नेतृत्व में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जब इस टाटपट्टी बाखल इलाके में जांच करने पहुंची तो भीड़ ने उस पर हमला बोल दिया। पत्थरबाजी तो हुई ही, जिसके हाथ जो लगा उसने वही मेडकल टीम पर फेंका। सोशल मीडिया में वायरस वीडियो में एक हमलावर तलवार लहराता भी नजर आ रहा है। इस टीम में शामिल एक डॉक्टर के अनुसार एक हमवालर ने उनकी गर्दन दबाने का प्रयास किया पर टीम के साथ गए तहसीलदार ने हिम्मत दिखाते हुए उन्हें बचा लिया।
अब तक 13 हमलावर गिरफ्तार
कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में सबसे आगे रह कर मोर्चा संभालने वाले चिकित्साकर्मियों पर हमले की जानकारी होने पर पूरा देश स्तब्ध रह गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 7 हमलावरों को कुछ ही घंटों के अंदर गिरफ्तार कर लिया। यह समाचार लिखे जाने तक कुल 13 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 10 अन्य हमलावरों की भी शिनाख्त हो चुकी है। इंदौर पुलिस पथराव के वीडियो को देख उन महिलाओं की पहचान करने में जुटी है जो इस भीड़ में शामिल थीं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमलावारों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की बात कही है।
गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली हैं। आरोपितों ने यह खुलासा किया है कि आखिर किसके उकसाने पर उन लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर पथराव किया। इस मामले में पुलिस को अब “समोसे वाली चाची” की तलाश है। गिरफ्तार किए गए लोगों ने बताया है कि इसी चाची ने गलतफहमियां पैदा कर उनको उकसाया था जिस पर उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बोल दिया। दरअसल, आरोपितों ने पुलिस को बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जब मुबारिक की मां (जिसे मोहल्ले के लोग “समोसे वाली चाची” कहते हैं) के घर में स्क्रीनिंग कर रही थी तो उसने शोऱ मचाते हुए डॉक्टरों के धमकाया। इस पर आसपास के लोग जुट गए और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला कर दिया।