वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की धमकी दे चुके हैं। इमरान की इस “उन्मादी” और “गैरजिम्मेदाराना” बयानबाजी के बीच विशेषज्ञों ने दोनों देशों के बाच परमाणु युद्ध होने की स्थिति में संभावित दुष्परिणामों का अध्ययन शुरू कर दिया है। एक अध्ययन के अनुसार, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो 10 करोड़ से अधिक लोग तुरंत प्रभाव से मारे जाएंगे। इसके बाद वैश्विक व्यापक भुखमरी फैल सकती है।
अमेरिका में रटगर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रंसविक के सह-लेखक एलन रोबॉक ने कहा, “इस तरह के युद्ध से न केवल उन स्थानों को खतरा होगा जिन्हें बमों को निशाना बनाया जा सकता है, बल्कि पूरी दुनिया को भी इससे नुकसान होने वाला हैं।” जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले परमाणु युद्ध होने की आशंका जताई गई है।” अध्ययन में कहा गया है कि दोनों पड़ोसी देशों ने कश्मीर के लिए कई युद्ध किए हैं। वे 2025 तक 400 से 500 परमाणु हथियारों को हासिल कर लेंगे।
रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकर्ताओं ने पाया कि विस्फोट करने वाले परमाणु हथियार 16 से 36 मिलियन टन कालिख (छोटे काले कार्बन कण) धुएं में छोड़ सकते हैं जो ऊपरी वायुमंडल तक बढ़ सकते हैं और कुछ हफ्तों के भीतर दुनिया भर में फैल सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह कालिख सौर विकिरण (solar radiation) को अवशोषित (absorb) करेगी और हवा को गर्म कर देगी जिससे धुएं का तेजी से विकास होगा। इस प्रक्रिया में, अध्ययन करते हुए कहा गया है कि पृथ्वी तक पहुंचने वाली धूप 20 से 35 प्रतिशत तक घट जाएगी जिससे हमारे ग्रह की सतह 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी हो जाएगी। दुनिया भर में बारिश में भी 15 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। धरती पर 15 से 30 प्रतिशत तक वनस्पति विकास में गिरावट होगी जबकि महासागरों में उत्पादकता में 5 से 15 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है।
अध्ययन में कहा गया है कि इन सभी प्रभावों से उबरने में 10 साल से अधिक समय लगेगा क्योंकि धुआं ऊपरी वातावरण में मौजूद होगा। रॉबॉक ने कहा, “नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं लेकिन पाकिस्तान और भारत तेजी से अपने हथियारों को बढ़ा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “दो परमाणु हथियार संपन्न देश जो विशेष रूप से कश्मीर के लिए लड़ रहे हैं, उनको परमाणु युद्ध के परिणामों को समझना होगा।”