मथुरा। करीब 35 साल पहले हुए भरतपुर के बहुचर्चित राजा मान सिंह हत्याकांड में अदालत ने 18 में से 11 आरोपितों पर दोष सिद्ध पाया है जबकि तीन आरोपितों को बरी कर दिया है। अन्य 3 आरोपितों की पूर्व में मौत हो चुकी है जबकि एक आरोपित को अदालत पूर्व में बरी कर चुकी है। जिन 11 लोगों पर दोष सिद्ध हुआ है उनमें डीएसपी कान सिंह भाटी भी शामिल हैं। इन 11 दोषियों को सजा बुधवार को सुनाई जाएगी।
21 फरवरी 1985 को भरतपुर के राजा मान सिंह व दो अन्य की भरतपुर में हत्या हुई थी। राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह ने डीग (राजस्थान) थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी व अन्य को नामजद किया गया था। पुलिस ने मुठभेड़ की रिपोर्ट दर्ज की। यह मामला जांच के लिए सीबीआई के पास गया। एक जनवरी 1990 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश मथुरा स्थानांतरित कर दिया। इस मामले में सीबीआई ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 17 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
घटनाक्रम की शुरुआत 20 फरवरी 1985 को हुई। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर डीग में राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जनसभा करने आए थे। राजा मान सिंह डीग विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे जबकि उनके सामने कांग्रेस के ब्रजेंद्र सिंह प्रत्याशी थे। आरोप है कि कांग्रेस समर्थकों ने राजा मान सिंह के डीग स्थित किले पर लगा उनका झंडा उतारकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया था। ये बात राजा मान सिंह को नागवार गुजरी। पुलिस एफआइआर के मुताबिक, राजामान सिंह ने चौड़ा सभा मंच को जोगा जीप की टक्कर से तोड़ दिया और इसके बाद मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को जोगा से टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया था।
इस हत्याकांड की प्रारंभिक विवेचना राजस्थान पुलिस ने की और उसके बाद इस केस की विवेचना सीबीआई को ट्रांसफर हुई। मार्च 1985 में सीबीआई ने जांच शुरू की और विवेचना के बाद 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया। इनमें से एक अभियुक्त महेंद्र सिंह जो सीओ कान सिंह भाटी का ड्राइवर था उसको डिस्चार्ज कर दिया गया और 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान 3 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है।
डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह, चालक महेंद्र सिंह, कांस्टेबल नेकीराम, सुखराम, कुलदीप सिंह, आरएसी के हेड कांस्टेबल जीवाराम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, पुलिस लाइन के हेड कांस्टेबल हरी किशन, इंस्पेक्टर कान सिंह सिरबी, एसआइ रवि शेखर, कांस्टेबल गोविन्द प्रसाद, एएसआइ सीताराम।
डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह, सुखराम, आरएसी के हेड कांस्टेबल जीवाराम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, एसआइ रवि शेखर। इन सभी को धारा 148, 149, 302 के तहत दोषी करार दिया गया हैैै। सभी को कस्टडी में लिया गया है। सजा अब बुधवार को सुनाई जाएगी।
हेड कांस्टेबल हरी किशन, कांस्टेबल गोविन्द प्रसाद, इंस्पेक्टर कान सिंह सिरबी। इन तीनों पर जीडी में फेरबदल करने का आरोप साबित नहीं हो पाया, लिहाजा अदालत ने बरी कर दिया।
कांस्टेबल नेकीराम, कुलदीप और सीताराम।
डीएसपी का वाहन चालक महेंद्र सिंह हो चुका है आरोप मुक्त।
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