इस्लामाबाद। कहते हैं कि इतिहास को कितना ही झुठलाने का प्रयास करो, समय आने पर वह खुद अपनी गवाही दे देता है। कुछ ऐसा ही हुआ है पाकिस्तान में। दरअसल, भारत के साथ नफरत की बुनियाद पर अस्तित्व में आए पाकिस्तान ने अपना जो नया इतिहास गढ़ा है वह मीर कासिम से शुरू होता है लेकिन हाल ही में हुए एक उत्खनन ने इसे उलट-पुलट कर दिया है।
दरअसल, पाकिस्तान में हथियार बनाने का एक 2,200 साल पुराना कारखाना मिला है। पुरातत्वविदों ने पेशावर के निकट हयाताबाद से इसके अवशेष खोज निकालने का दावा किया है। उनका कहना है कि यह कारखाना ईसा पूर्व की आखिरी दो शताब्दी के दौरान अस्तित्व में रहे इंडो-ग्रीक काल का हो सकता है। इंडो-ग्रीक मूल के लोग अफगानिस्तान से पेशावर आए थे। उन्होंने करीब 150 वर्षों तक वहां राज किया था।
पाकिस्तान के डॉन अखबार ने यह जानकारी प्रकाशित की है। इसके अनुसार, पेशावर विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद पिछले तीन साल से हयाताबाद इलाके में खोदाई करा रहे थे। प्रोफेसर गुल रहीम ने बताया कि खोदाई में इंडो-ग्रीक काल के कुछ सिक्के भी मिले हैं। इसके अलावा यहां लोहा पिघलाने के बर्तन, चाकू और खुरपी जैसे औजार भी मिले हैं। इन सबके आधार पर ही अनुमान लगाया जा रहा है कि इस जगह धातुओं से हथियार बनाए जाते थे।
पुरातत्वविदों का कहना है कि इस कारखाने को तीन हिस्सों में बांटा गया था। इसके एक हिस्से में भट्ठी थी। यहां पर संभवत: तीर, धनुष, खंजर और तलवारें भी बनाई जाती थीं। पुरातात्विक सर्वेक्षक मोहम्मद नईम ने बताया कि बौद्ध काल में ईंट का इस्तेमाल होता था जबकि इंडो-ग्रीक काल में मिट्टी से निर्माण किए जाते थे। इसी के चलते उनका संरक्षण कठिन था।
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