नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के अधीन बने सैन्य मामलों के नए विभाग के प्रमुख बिपिन रावत की अध्यक्षता में 2 संयुक्त सचिव, 13 उप सचिव और 22 अवर सचिव होंगे।  गौरतलब है कि बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएश) हैं। वह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बैठाएंगे।

सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर, 2019 से प्रभावी हो गई है। तीन साल पहले उन्हें सेना प्रमुख बनाया गया था। 30 दिसंबर 2019 को वह अपने पद से रिटायर हो गए थे। तीन साल तक सेना प्रमुख रहते हुए जनरल रावत चीन, पाकिस्तान और पूर्वोत्तर में भारत की सीमारेखा पर जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। सीडीएस के तौर पर रावत देश के सर्वोच्च रक्षा अधिकारी बन गए हैं। तीनों सेनाओं के सेना प्रमुख उनके अधीन काम करेंगे। सीधे तौर पर सीडीएस रक्षा मंत्री को सपोर्ट करेंगे। 

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में कार्यभार संभालने के एक दिन बाद बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने तीनों सेनाओं के लिए एयर डिफेंस कमांड स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था। बैठक के दौरान उन्होंने प्रस्ताव के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित की थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस प्रस्ताव की समय सीमा 30 जून 2020 है। जनरल रावत की पहली प्राथमिकता भारत को किसी भी हवाई हमले से सुरक्षित करने के लिए वायु रक्षा कमान का गठन करना है।

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