नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमित लोगों की संख्या में केजी से इजापा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस संक्रमण और मौत के आंकड़ों में सबसे बड़ी उछाल देखी गई है। इस दौरान 3900 पॉजिटिव केस सामने आए जबकि 195 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसी के साथ देश में कोरोना का कंफर्म मामलों की संख्या बढ़कर 46 हजार को पार कर गई है।
मंगलवार को यहां संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि महामारी से देश में अब तक 1568 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में 24 घंटे में 1020 लोग ठीक भी हुए हैं स्वस्थ होने वालों की संख्या 12726 हो गई है। अब रिकवरी रेट 27.41 प्रतिशत हो गया है।
लव अग्रवाल ने कहा, “आज जीओएम की मीटिंग में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास जोर दिया गया। समय पर केस सामने आना बेहद जरूरी है। आरोग्य सेतु को और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। पीपीई किट को किस तरह से इस्तेमाल करें, इसके लिए हमने नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है।”
विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापसी की प्रक्रिया 7 मई से
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों के वतन वापसी की प्रक्रिया 7 मई से चरणबद्ध तरीके के शुरू की जाएगी। इस काम में भारत सरकार नौसेना की भी सहायता लेगी। लोगों को वापस लाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल को तैयार कर लिया गया है।
खांसी, बुखार या सर्दी वाले लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं
गृह मंत्रालय ने कहा कि उड़ान से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। जिन भारतीयों में खांसी, बुखार या सर्दी के लक्षण पाए जाएँगे उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत आने के बाद इन लोगों को 14 दिनों तक अस्पताल या किसी अन्य स्थान पर क्वारंटीन में रखा जाएगा। यात्रा के दौरान यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
अब तक 62 श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई गईं
गृह मंत्रालय ने बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए भारतीय रेलवे ने अब तक 62 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। मंगलवार को 13 और ट्रेनें चलाई जा रही हैं जो अन्य राज्यों से लोगों को उनके गृह राज्यों में लेकर जाएंगी।
फेस मास्क और दो गज की दूरी बनाना अनिवार्य
गृह मंत्रालय ने एक बार फिर आगाह किया है कि बाहर निकलते समय हर किसी को फेस मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही लोग आपस में दो गज की दूरी को भी जरूर बनाए रखें। सड़कों या खुली जगह पर थूकना दंडनीय अपराध है। खुले में नशा करना भी वर्जित है।
एक दुकान पर 5 से ज्यादा लोग नहीं
पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन के दौरान एक दुकान पर 5 से ज्यादा लोग एक साथ एकत्र नहीं हो सकते। ये लोग भी मास्क लगाए होने चाहिए। इन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा।ॉ
विवाह और शवयात्रा में लोगों की संख्या
केंद्र सरकार नवे वैवाहिक समारोह यऔर शवयात्रा में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या निश्चित कर दी है। विवाह समारोह में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते जबकि शवयात्रा में 20 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं होगी। इन लोगों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। फेस मास्क भी जरूरी है।
कार्यस्थल के लिए भी नियम
लॉकडाउन के दौरान काम करने वाली कंपनियों के लिए भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नियम बनाए हैं। कार्यालयों में हैंडवाश, सैनिटाइजर और साफ-सफाई का होना अनिवार्य है। काम के दौरान सभी कर्मचारी फेस मास्क लगाए हुए होने चाहिए। कार्यस्थाल में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन होना चाहिए। स्टाफ को अलग-अलग लंच ब्रेक देना होगा जिससे उनमें दूरी बनी रहे। सभी कर्मचारियों का आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन भी जरूरी है। कार्यालय और परिवहन वाहन को लगातार सेनिटाइज भी करवाना होगा। कंपनी को हाइजीन और सफाई को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आय़ोजित करने होंगे। कंपनी नजदीकी कोविड-19 के इलाज वाले अस्पतालों की सूची भी रखे और क्वारंटीन के लिए स्थान भी चिन्हित होना चाहिए