नई दिल्ली। देश में आपातकाल के 45 वर्ष पूरे होने पर गुरुवार को भाजपा ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला बोला। भाजपा ने जहां अपने ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट कर आपातकाल के दौरान किए गए पुलिसिया जुल्म के बारे में बताया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने आपातकाल के दौरान यातनाएं सहने वाले वीरों को याद किया है। मोदी ने कहा, “ऐसे वीरों का त्याग देश भी नहीं भूल पाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह  ने आपातकाल की बरसी पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वहां अभी भी लोकतंत्र नहीं है।

इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा दिया था। तब से लेकर 21 मार्च 1977 तक यानी कुल 21 महीने तक देश के लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित रहे थे। जिसने भी सरकार का विरोध किया, उसे जेल में ठूंस दिया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा।” नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट के साथ “मन की बात” का एक ऑडियो भी जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है, “आपातकाल के दौरान लोगों के मन में खोए हुए लोकंतत्र की छटपटाहट दिख रही थी। सामान्य अधिकार का क्या मजा है वह तब पता चलता है जब कोई आपका लोकतांत्रिक अधिकार छीन लेता है।”

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी एक ट्वीट कर आपातकाल के दौरान की भीषण यातनाओं को याद किया। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वे कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में अभी तक आपातकाल की सोच है। उन्होंने कहा, “45 साल पहले एक परिवार ने सत्ता के लालच में देश में आपातकाल लगा दिया। कांग्रेस के नेता हताश हो रहे हैं। देश में लोकतंत्र है लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं है।“ उन्होंने कहा, “कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कुछ नेताओं ने मुद्दे उठाए तो लोग चिल्ला पड़े। एक पार्टी प्रवक्ता को बिना सोचे-समझे बर्खास्त कर दिया गया।”  आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के प्रवक्ता संजय झा को एक लेख के कारण उनके पद से हटा दिया था।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “आज से 45 साल पहले कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश में आपातकाल लगा दिया था क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके चुनाव को गलत ठहरा दिया था। …आज उस क्रूर दिन का याद करने का वक्त है।”

भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुंधाशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “समय, समीकरण और स्थिति बदल चुकी है लेकिन आज भी कांग्रेस में आवाज को दबाया जाता है, ताकि फर्स्ट फैमिली की बादशाहत कायम रह सके।”

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