लखनऊ। वक्त से बड़ा बलवान कोई नहीं। जिन आजम खां की कभी पूरे उत्तर प्रदेश में हनक थी, उनकी व उनके परिवार की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं।उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का शिकंजा ऐसा कसा है कि सपा की सरकारों में ताकतवर मंत्री रहा यह मौजूदा सांसद फड़फड़ा कर रह जा रहा है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लगाने के कारण उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खां को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया जा चुका है और अब उनसे 65 लाख रुपयों की वसूली की भी तैयारी है। अब्दुल्ला आजम ने 11 मार्च 2017 को विधायक पद की शपथ ली थी और 16 दिसंबर 2019 को उनकी विधायकी रद कर दी गई थी।
अब्दुल्ला आजम खां ने बतौर विधायक वेतन व अन्य भत्तों के रूप में 65 लाख रुपये लिये थे। विधानसभा के मुख्य लेखाधिकारी ने अब पूर्व विधायक हो चुके अब्दुल्ला आजम को वेतन-भत्ते की रकम वसूली का नोटिस भेजा है। अब्दुल्ला आजम खां अपने पिता आजम खां और मां डॉ. तजीन फात्मा के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं और उन्हें 65 लाख रुपये की वसूली के आदेश की कॉपी वहीं भेजी गई है।
रामपुर में सरकारी जमीन जौहर विश्वविद्यालय में मिलाने के साथ ही तमाम प्रकार की अनियमितता करने के मामले में आजम खां के खिलाफ छह दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। डॉ. तंजीम फात्मा के खिलाफ भी बेटे के पासपोर्ट में फर्जी प्रमाण पत्र लगाने का मुकदमा दर्ज है।