मिर्जापुर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जमीन को लेकर हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से शनिवार को आखिरकार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुलाकात की। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने पीड़ित परिवारों से प्रियंका की मुलाकात करवाई।  पीड़ितों के परिवार के लोग प्रियंका से मिलने गेस्ट हाउस के बाहर तक पहुंचे जिसके बाद उन्हें गेट पर ही रोका गया। जब प्रियंका खुद मिलने जाने लगीं तो पुलिस ने उन्हें रोका दिया। इसके बाद पीड़ितों के परिजनों को अंदर बुलाने का आश्वासन दिया। बताया जा रहा है कि कुल 15 लोग सोनभद्र से प्रियंका से मिलने पहुंचे। इस नरसंहार में घायल हुए लोगों को वाराणसी में देखने के बाद सोनभद्र में घटनास्थल पर जाने के दौरान प्रियंका को मिर्जापुर में रोक दिया गया था। प्रभावित लोगों से भेंट होने के बाद प्रियंका  ने अपना 24 घंटा से भी अधिक समय तक चला धरना समाप्त कर दिया।

प्रियंका की जिद को देखते हुए मिर्जापुर जिला प्रशासन ने बैकफुट पर आते हुए सोनभद्र नरसंहार के पीडि़त परिवारों की महिलाओं को चुनार किले के गेस्ट हाउस में बुलाया। इन सभी से प्रियंका गांधी से भेंट की है। इनसे सोनभद्र कांड के बारे में उन्होंने काफी कुछ जानना चाहा। चुनार गेस्ट हाउस के बगीचे में पीड़ित परिवार की महिलाओं ने प्रियंका को देखते ही रोना शुरू कर दिया। प्रियंका ने सबको सांत्वना दी। प्रियंका ने बताया कि कांग्रेस अपनी तरफ से पीडि़तों  की मदद करेगी। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे, घायलों को भी कुछ सहायता राशि दी जाएगी। पीडि़त परिवारों से मिलने और मीडिया  से बातचीत के बाद प्रियंका वाड्रा से वाराणसी के मंडलायुक्त व एडीजी ने गेस्‍ट हाउस के कमरे में कुछ देर वार्ता की। इसके बाद प्रियंका का धरना समाप्त हो गया। प्रियंका ने कहा, “मेरा मकसद पूरा हुआ। मुझे पीडि़त परिवारों से मिलना था, उनसे मिली और उनका हाल जाना।”

पीडितों ने भी मीडिया को बताई अपनी व्यथा

पीडि़त परिवारों के कुछ सदस्यों से चुनार गेस्‍ट हाउस में मिलने के बाद प्रियंका ने उन्हें लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। योगी सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अधिकारियों को सोनभद्र का प्रकरण पहले से पता था, ऐसी घटना वहां नहीं घटनी चाहिए थी। प्रियंका ने कहा कि सोनभद्र के वनवासियों की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी। जिन जमीनों पर वनवासी पीढि़यों से काबिज हैं, उन्हें तत्काल कानूनी अड़चने दूर कर उनके नाम किया जाए। निर्दोषों पर लगाए मुकदमे भी वापस  लिए जाएं। प्रियंका की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उभ्‍भा गांव से आए पीडि़त रामराज, सुखवंती और रामधनी ने मीडिया को बताया कि उन्‍हें कई वर्षों से प्रताडि़त किया जा रहा है। कई मुकदमे कायम किए गए। गुंडा एक्ट तक लगाया गया। उन लोगों ने घटना से तीन दिन पहले ही घोरावल थाने को यह जानकारी दी थी कि जमीन कब्जा करने को लेकर ग्राम प्रधान का गुट हमला कर सकता है। बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया गया और घटना हो गई।

इस मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा  ने ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि क्या इन आंसुओं को पोंछना अपराध है। इस विलाप से निकले हर एक आंसू का हिसाब लिए बिना हम पीछे नहीं हटेंगे।

वाराणसी एयरपोर्ट पर रोके गए कई नेता

सोनभद्र नरसंहार की आंच अब देशभर में फैलने लगी है। पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का एक दल शनिवार की वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से टीएमसी सांसदों व विधायकों का प्रतिनिधिमंडल सोनभद्र में मृतकों के परिजनों और गंभीर रूप से घायलों से मुलाकात करना चाह रहा था लेकिन इन सभी को जब जिला प्रशासन ने रोक दिया गया तो टीएमसी नेता परिसर में ही धरने पर बैठ गए। तीन घंटे तक बबातपुर एयरपोर्ट पर चले ड्रामे के बाद प्रशासन ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को शहर की ओर जाने की अनुमति दे दी।  दोपहर करीब 12 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचे कांग्रेस नेता राज बब्बर, जितिन प्रसाद और राजीव शुक्ला सहित उनके साथ पहुंचे दस अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया गया। काफी देर के बाद कांग्रेस टीम को भी शहर जाने की इजाजत दे दी गई।

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