लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बेखौफ अपराधियों ने एक बार फिर पुलिस को चुनौती देते हुए मंलगवार देर रात अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी (32) की ईंट-पत्थर से कूंच कर हत्या कर दी। अधिवक्ता के पिता ने गांजा तस्करी से जुड़े लोगों पर हत्या का शक जताया है जबकि पुलिस हत्या की वजह पुरानी रंजिश मान रही है। पुलिस ने तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज शिशिर के वकील साथियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया।
मामला कृष्णानगर थाना क्षेत्र के दामोदर नगर इलाके का है जहां अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी को रंजिश में मौत के घाट उतार दिया गया। उनके बड़े भाई शरद त्रिपाठी ने बताया कि गांजे का व्यापार करने वाले मोनू तिवारी नामक युवक से छोटे भाई की रंजिश चल रही थी जिसके चलते कई बार भाई को जान से मारने की धमकी भी मिली थी। तीन साल से मोनू तिवारी गांजे का व्यापार कर रहा है। बीते दिन वह शिशिर से बातचीत करने के लिए आया था। शिशिर के पिता गोपी चंद्र के मुताबिक, मंगलवार शाम करीब पांच बजे दो युवक उनके बेटे को लेने घर आए। बेटा उनके साथ चला गया और फिर वापस नहीं लौटा। पड़ोस में रहने वाले एक ऑटो चालक और पुलिस ने उन्हें घटना की जानकारी दी।
सीओ कृष्णानगर के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि शिशिर की मोनू तिवारी नाम के युवक से रंजिश चल रही थी। बीते दिन वह शिशिर से मिलने भी आया था। सभी पहलूओं की छानबीन कर जांच की जा रही है। एक आरोपित विनायक ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है।
सेंट्रल बार एसासिएशन ने मुख्यमंत्री योगी को भेजा प्रस्ताव
अधिवक्ता शिशिर की हत्या मामले में राजधानी के अधिवक्ताओं में पुलिस की
कार्यप्रणाली को लेकर रोष दिखाई दिया। सड़कों पर उतरे अधिवक्ताओं ने पुलिस के
खिलाफ जमकर नारे लगाए। इसके साथ ही कार्रवाई और पीडि़त परिवार के लिए इंसाफ की
मांग की। शिशिर त्रिपाठी की हत्या पर सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने
जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा जिसमें
एसोसिएशन ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने के साथ ही परिवार के लिए सहायता की
मांग की।
एसोसिएशन
ने कहा कि अधिवक्ता के परिजनों को एक करोड़ रुपये सहायता और परिवार के एक सदस्य को
सरकारी नौकरी दी जाए और एसओ कृष्णा नगर को तत्काल निलंबित किया जाए।
इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव मौके पर पहुंचे। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “सोरांव के विजयशंकर तिवारी और शामली के अजय पाठक की हत्या के बाद अब लखनऊ में अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई। क्या प्रदेश पूरी तरह से अपराधियों के हाथ में है? भाजपा सरकार कानून व्यवस्था के बारे में पूरी तरह फेल है। मैं इन सभी परिवारों की न्याय की लड़ाई में इनके साथ खड़ी हूं।”