नई दिल्ली। राफेल युद्धक विमान सौदे को लेकर राजनीति के मैदान से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चल रही बहस के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस अत्याधुनिक विमान की खुबियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा- राफेल विमान अगर समय पर भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाते तो पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक का नतीजा भारत के पक्ष में कहीं ज्यादा हो सकता था। बालाकोट अभियान के दौरान तकनीक हमारे पक्ष में थी।
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना ने बीते 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र को निशाना बनाया था। इस हमले में कई भवन ध्वस्त हो गए थे। एक सरकारी एजेंसी के अनुसार एयर स्ट्राइक से ठीक पहले जैश के इस ठिकाने पर करीब 300 मोबाइल फोन सक्रिय थे।
“भविष्य की एयरोस्पेस पॉवर और प्रौद्योगिकी के प्रभाव” पर आयोजित एक संगोष्ठी में बोलते हुए एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि बालाकोट ऑपरेशन में हमारे पास तकनीक थी जिससे हम बड़ी सटीकता के साथ हथियारों को लॉन्च कर सके। बालाकोट ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान से हुई झड़पों में भी हम बेहतर निकले क्योंकि हमने अपने मिग-21 बायसन्स और मिराज-2000 विमानों को अपग्रेड किया था।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अगर हमने राफेल को समय पर वायुसेना में शामिल कर लिया होता तो नतीजे और भी शानदार होते। राफेल की ताकत को बताते हुए धनोआ ने कहा कि राफेल और सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली के आने से अगले दो-चार सालों में एक बार फिर तकनीकी संतुलन हमारे पक्ष में हो जाएगा, जैसे कि 2002 में ऑपरेशन पराक्रम के समय यह हमारे पक्ष में था।
गौरतलब है कि एयर चीफ मार्शल धनोआ ने पिछले साल 19 दिसंबर को राफेल से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा था, “कौन कहता है कि हमें राफेल की जरूरत नहीं है? सरकार कहती है कि हमें राफेल की जरूरत है, हम कहते हैं कि हमें राफेल की जरूरत है, सुप्रीम कोर्ट ने भी अच्छा फैसला दिया है। हमें इस प्रक्रिया में काफी देरी पहले ही हो चुकी है, हमारे प्रतिद्वंदी अपना सिस्टम पहले ही अपग्रेड कर चुके हैं।”