नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि वायुसेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। अगर जरूरत पड़ी तो बालाकोट जैसा ऑपरेशन फिर किया जाएगा।

भदौरिया ने सोमवार को वायुसेना प्रमुख का पदभार संभाला। एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन उन्हें भारतीय वायुसेना की कमान सौंपी। पद संभालने के बाद भदौरिया ने कहा कि रफाल युद्धक विमान वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होगा। इसके आने हमारी ताकत और बढ़ेगी। 

आपको याद होगा कि पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। जिस समय एयर स्ट्राइक की गई थी उस समय बीएस धनोआ वायुसेना प्रमुख थे। 

एयर मार्शल भदौरिया हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के आरंभिक नमूनों की उड़ानों में व्यापक रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने 26 विभिन्न युद्धक और मालवाहक विमानों की 4,250 घंटे की उड़ान भरी है।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के छात्र रहे भदौरिया को मेधासूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए “सोर्ड ऑफ ऑनर” प्रदान किया गया था। उन्होंने जून 1980 में भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था। वायुसेना के विभिन्न विमानों में अपनी दक्षता के अलावा भदौरिया एक एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट, कैट “ए” क्वालिफायड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।

वह जगुआर स्क्वाड्रन और प्रमुख एयरफोर्स स्टेशनों की अगुवाई के साथ-साथ एयरक्राफ्ट और सिस्टम परीक्षण केंद्र में फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन की कमान संभाल चुके हैं। वह मुख्य परीक्षण पायलट और एलसीए प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुके हैं। उन्होंने रूस में एयर अटैचr के रूप में भी अपनी सेवा दी है। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कमांडेंट, सेंट्रल एयर कमान के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर, डिप्टी चीफ ऑफ द एयर स्टाफ और दक्षिणी एयर कमान के कमांडिंग वायुसेना अधिकारी रहे हैं।  इसी साल एक मई को वायु सेना के उपप्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले वह बेंगलुरू में प्रमुख प्रशिक्षण कमान के प्रमुख थे।

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