लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर भले ही अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई हो पर खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना से ठीक हुए लोगों (Post covid patients) पर नए-नए फंगल और वायरस हमला कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर ब्लैक फंगस के बाद अब साइटोमेगालो वायरस (Cytomegalo virus) नाम के एक नए वायरस का नया खतरा मंडरा रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों में साइटोमेगालो वायरस के कुछ मरीज मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया। स्वास्थ विभाग की ओर से सभी चिकित्सा अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल, सबसे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुछ पोस्ट कोविड मरीजों को पेट में दर्द और मल में खून आने जैसी कई समस्याएं हुई। इनकी जांच में साइटोमेगालो वायरस के लक्षण पाए गए। इसके बाद से दिल्ली समेत कई राज्यों में साइटोमेगालो वायरस से संक्रमित मरीज आना शुरू हो गए। हालांकि, उत्तर प्रदेश में अभी तक साइटोमेगालो वायरस से संक्रमित एक भी मरीज नहीं पाया गया है लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों/चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि किसी भी मरीज में साइटोमेगालो से संबंधित लक्षण दिखने पर उसके लिए तत्काल प्रभाव से बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई जाए।

कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों को जकड़ रहा साइटोमेगालो,

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, साइटोमेगालो वायरस कमजोर प्रतिरक्षण शक्ति (weak immunity) वाले मरीजों को तेजी से जकड़ता है। ऐसे में जिन पोस्ट कोविड मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें इस वायरस का खतरा सबसे अधिक है। बवासीर, लिवर, कैंसर, एड्स जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों तथा किडनी ट्रांसप्लांट कराने वालों को साइटोमेगालो वायरस का खतरा सबसे अधिक है।

साइटोमेगालो वायरस की जांच के लिए लखनऊ के एसजीपीजीआई और केजीएमयू को तैयार किया गया है। इन दोनों बड़े अस्पतालों में साइटोमेगालो वायरस की बेहतर जांच और इलाज की व्यवस्था की गई है।

 

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