प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। साफ कहा कि सीएए के विरोध में प्रदर्शन राष्ट्र के हित में नहीं है।

सीएए के विरोध में फिरोजाबाद के एक कॉलेज के छात्रों को प्रदर्शन करने की अनुमति की बाबत हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, “सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कि अनुमति की मांग राष्ट्रीय हित में नहीं है। देश के नागरिक को हर कीमत पर शांति कायम रखनी चाहिए। …ऐसे में इस याची को राहत नही दी जा सकती।”

दरअसल, फीरोजाबाद के मोहम्मद फुरकान ने याचिका दायर की थी और उसमें कॉलेज के छात्रों को सीएए के विरोध में प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी। याचिका में कहा गया कि कॉलेज के छात्रों ने सीएए के विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगी है लेकिन नहीं दी जा रही है। याची का कहना था कि कॉलेज के छात्रों विरोध प्रदर्शन की अनुमति अनुमति नहीं दी जा रही है। उनके संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। इस कारण कोर्ट विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए समादेश जारी करे।

न्यायमूर्ति भारती सप्रू और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा है कि यदि याची भारतीय नागरिक है तो हर कीमत पर उसे शांति कायम रखनी चाहिए। कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए खारिज कर दिया। या

याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाहा ने प्रतिवाद किया। 

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