नई दिल्ली। मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के साथ लेन-देन के विवाद में आम्रपाली समहू को तगड़ा झटका लगा है। धोनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरे आम्रपाली समूह को आदेश दिया है कि वह आगामी 1 मई यानि मंगलवार तक धोनी के साथ हुए सभी लेन-देन का ब्योरा पेश करे। गौरतलब है कि धोनी 2009 से 2016 तक इस आम्रपाली समूह के ब्रांड एम्बेसडर रहे थे। 

धोनी ने आम्रपाली समूह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके अनुसार समूह के ब्रांड एम्बेसडर रहे धोनी ने कंपनी से नोएडा में एक पेंट हाउस खरीदा था जिसका पजेशन (कब्जा) समूह ने उन्हें अभी तक नहीं दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्ति फोरेंसिक ऑडिटर्स को बताया कि कंपनी ने उन्हें देनदारों की सूची में भी शामिल नहीं किया है। यही कारण था कि आवंटन रद होने के डर से धोनी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं जिस पर सुनवाई हो रही है।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी ने आम्रपाली समूह से वर्ष 2009 में नोएडा के सेक्टर 45 स्थित फाइव बीएचके और फैमिली लाउंज वाला पेंटहाउस महज 20 लाख रुपये में खरीदा था जिसका बाजार मूल्य सवा करोड़ रुपये था। सुपीम कोर्ट के ऑडिटर रवि भाटिया और पवन कुमार ने पाया कि धोनी उन 655 लोगों में शामिल हैं जिन्होंने करोड़ों का फ्लैट महज 20 लाख में खरीदा है। इस पर ऑडिटर ने धोनी और कंपनी दोनों से इस मामले पर पूछताछ की। धोनी ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के किसी सदस्य को कंपनी की तरफ से किसी तरह का कोई फंड नहीं दिया गया है। आम्रपाली समूह ने उन्हें कई करोड़ रुपये का बकाया भुगतान भी नहीं किया है और उन्हें फ्लैट की कीमत में रियायत समूह का ब्रांड एम्बेसडर होने की वजह से दी गई थी।  

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