[highlight] वृषभ राशिवालों को  नव वर्ष 2017 की हार्दिक शुभकामनाएं |[/highlight]

वृषभ राशिफल

नया साल 2017 राशिफल सूर्य या चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है। वर्ष 2017 का राशिफल वृषभ लग्न के जातकों के स्वास्थ्य , व्यापार , भाग्य और वैवाहिक जीवन से सम्बंधित है।राशिफल 2017 बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं।

वर्ष 2017 में ग्रहों की स्थिति

बृहस्पति: बृहस्पति वर्ष 2017 के आरम्भ में आपके पंचम भाव में हैं और वर्ष के आधे से अधिक समय तक यानी सितम्बर तक इसी                   भाव में बने रहेंगे। सितम्बर माह के बाद बृहस्पति आयेंगे आपके छठे भाव में।

शनि: शनि वर्ष 2017 के आरम्भ में आपके सप्तम भाव में होगा।

 राहु: वर्ष 2017 के आरम्भ से लेकर मध्य तक राहु आपके चतुर्थ स्थान पर रहेगा तद्पश्चात प्रवेश करेगा तीसरे भाव में।

केतु : केतु जो आपके दशम भाव में है , बना रहेगा वर्ष 2017 के मध्य तक तद्पश्चात केतु प्रवेश करेगा नवम भाव में।

वर्ष 2017 के प्रारंभ में शुक्र, मंगल और केतु की युति बनेगी दशम भाव में।

सूर्य और बुध की युति अष्टम भाव मे।

विशेष: यदि चन्द्रमा भी वृषभ राशि में है अर्थात आपकी चन्द्र राशि भी वृषभ है तो वर्ष 2017 में आपकी “शनि की ढैय्या” का आरम्भ होगा।

स्वास्थ:

वृषभ राशिफल 2017 के अनुसार यह वर्ष स्वास्थ्य के लिए यह कुछ प्रतिकूलता लिए हुए रहेगा क्योंकि वर्ष के प्रारंभ में ही शनि आपके अष्टम भाव में आ जायेगा। यदि आपकी चन्द्र राशि भी वृषभ ही है तो ‘शनि की ढैय्या का प्रभाव‘ आरम्भ हो जायेगा और यदि लग्न भी वृषभ है तो भी अष्टम का शनि स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।राहु का केंद्र (चतुर्थ भाव ) में रहना भी स्वास्थ्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।चोट लगने या दुर्घटना का योग बना रहेगा। अतः यात्रा के समय सावधानी बरतें. ह्रदय रोग का खतरा बनेगा, यदि पहले से ही ह्रदय रोगी हैं तो स्वास्थ्य पर नज़र रखें। इस दौरान लीवर, वायु सम्बन्धी और जोड़ो से सम्बंधित रोग आपको हो सकते है।2017 में ग्रहों की स्तिथि आपको अपने खान पान और स्वास्थ्य के प्रति सचेत कर रही है।अच्छी सेहत के लिए योग और मैडिटेशन का सहारा लें।

कार्य और व्यापार :

वृषभ लग्न के जातकों के लिए वर्ष 2017 कार्य – व्यापार के लिए लाभ प्रद रहने वाला है। वर्ष पर्यंत आय कहीं न कहीं से बनी रहेगी अतः आपको पूरे वर्ष धन की चिंता करनी नहीं पड़ेगी। इस वर्ष आपके कार्यस्थल पर अपने से उच्च अधिकारियों के साथ मन मुटाव की स्तिथि पैदा हो सकती है अतः सचेत रहें एवं वाद विवाद की स्तिथि से अपने को दूर ही रखें।शनि का अष्टम में होना और वक्री होकर सप्तम भाव में जाना और पुनः मार्गी होकर अष्टम में आने के कारण असमंजस की स्तिथि बनी रहेगी। अपने से बड़ों के साथ वाद विवाद और तनाव की स्तिथि बनेगी। मित्रों का साथ नहीं मिलेगा परन्तु यह स्तिथि आपकी आय को प्रभावित नहीं करेगी।

वर्ष 2017 के आरम्भ में वृषभ लग्न के जातकों के लिए मान एवं प्रतिष्ठा के बढ़ने का समय है।यदि आप राजनैतिक या सामाजिक कार्यक्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो आपका उत्थान निश्चित है। वर्ष के आरम्भ में कार्यस्थल पर भी मान प्रतिष्ठा बढ़ने की प्रबल संभावना है, परन्तु वर्ष का अंतिम समय समस्याएं ला सकता है।

शिक्षा:

शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष के प्रारंभ के 8-9 माह आपके लिए अत्यंत ही सहयोगी और सफलता दायक है । बौधिक क्षमता अधिक रहेगी , सकारात्मक सोच आपको सफलता के पथ पर अग्रसर कराएगी।आपकी सोच केन्द्रित रहेगी और इसी कारण आप अपने लक्ष्य को शीघ्र ही प्राप्त कर लेंगे। प्रतियोगिता या साक्षात्कार में आपको सफलता मिलने की संभावना इस समय अधिक रहेगी. यदि किसी विपरीत ग्रह की दशा न चल रही हो तो शिक्षा के क्षेत्र में आपको वर्ष 2107 में बेहतर परिणाम मिलेंगे।

विवाह और सम्बन्ध:

वैवाहिक संबंधों के लिए वर्ष 2017, जून माह तक प्रतिकूलता लिए हुए होगा, परिवार और संबंधों में तनाव , वैचारिक मतभेद होंगे। घर में नकारात्मकता हावी रहेगी, और आप पारिवारिक सुख की कमी महसूस करेंगे। संबंधों में सामंजस्यता बैठाने में बहुत कठिनाई होगी और यदि आपकी जन्म कुंडली में पहले से ही सप्तम भाव दूषित है तो आपको वैवाहिक जीवन में और अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

अपने ही घर में आपको मानसिक तनाव होगा और आप घर से बाहर ही अपना समय व्यतीत करना पसंद करेंगे। घर में आप अनजाना भय और तनाव महसूस करेंगे। चिंता, तनाव और व्यग्रता आपके संबंधों पर हावी रहेगी। वर्ष के अंतिम भाग में परिवार में बड़ो का विशेषकर पिता और भाईओं से तनाव और असहयोग संभव है। संतान सुख के लिए वर्ष 2017 का पहला आधा भाग आपके लिए अनुकूल है और इस समय आपको संतान द्वारा कोई शुभ समाचार की प्राप्ति होगी।

सावधानी

• संबंधों में तनाव की स्तिथि में धैर्य बनाये रखें।

• वर्ष के प्रारंभ में अप्रैल से सितम्बर माह तक कार्यस्थल पर सावधान रहें, विशेषकर उच्च अधिकारियों के साथ।

• जून माह के उपरान्त करीबियों या मित्रों से विवाद होने की संभावना बनेगी अतः सतर्क रहें।

• करीबियों से धोखा मिलने की संभावना है।

• अपनी गोपनीय बातें किसी के साथ साझा न करें।

• स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें, योग ध्यान का सहारा लें।

• फरवरी से अप्रैल और सितम्बर से दिसम्बर माह तक का समय संवेदनशील है. इस समय दुर्घटना या चोट लगने का खतरा बना हुआ है।

उपचार

  •  नियमित भगवान् शिव की आराधना करें ।
  •  शनि से यदि प्रभावित हों तो ‘शनि से सम्बंधित दान‘ करें।
  • स्थ्य सम्बन्धी समस्या के लिए ‘रुद्राभिषेक‘ या ‘लघु म्रत्युन्जय अनुष्ठान‘ कराएं।
  •  अति विषम परिस्तिथियों में ‘शनि मृत्युंजय‘ या ‘महा म्रत्युन्जय अनुष्ठान‘ कराएँ।

सदा खुश[highlight] रहें ।[/highlight]

 

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