वैज्ञानिक प्रदीप के. सिंह के अनुसार केटेलिस्ट के जरिये कोयले को पहले तरल स्वरूप में बदला जाता है, फिर इससे हाइड्रोकार्बन यानी पेट्रोलियम तैयार किया जाता है।
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नई दिल्ली। देश में क्रूड ऑयल की सीमित उपलब्धता और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी बढ़ती कीमतों व अन्य परेशानियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ऊर्जा के विकल्पों पर काम कर रही है।देश में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर एवं पवन ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही कोयले के भंडारों के इस्तेमाल के लिए नए स्वच्छ विकल्पों पर भी काम कर किया जा है। इसी कड़ी वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने कोयले को तरल स्वरूप में विकसित करके उससे पेट्रोल-डीजल तैयार करने की तकनीक विकसित की है।
वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद की धनबाद स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय खनन एवं ईधन अनुसंधान संस्थान (CIMFR) ने कोयले को तरल स्वरूप में बदलने में सफलता पा ली है। संस्थान के निदेशक प्रदीप के. सिंह ने बताया कि केटेलिस्ट के जरिये कोयले को पहले तरल स्वरूप में बदला जाता है, फिर इससे हाइड्रोकार्बन यानी पेट्रोलियम तैयार किया जाता है। अभी परीक्षण के लिए रोज पांच लीटर हाइड्रोकार्बन तैयार हो रहा है। इसे पेट्रोल, डीजल एवं केरोसिन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रदीप के. सिंह ने बताया कि कोयले से हाइड्रोर्बन तैयार करने की तकनीक का प्रदर्शन नीति आयोग के वैज्ञानिक सदस्य वीके सारस्वत के समक्ष किया जा चुका है। इसकी एक विस्तृत कार्ययोजना भी नीति आयोग को सौंपी गई है। आयोग ने कोयले से पेट्रोलियम पदार्थ तैयार करने की नीति को मंजूरी भी दे दी है। केंद्रीय खनन एवं ईधन अनुसंधान संस्थान इस तकनीक को उद्योग जगत को हस्तांतरित करना चाहता है ताकि पेट्रोलियम उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर कोयले का इस्तेमाल किया जा सके
नई तकीनीक से होंगे तीन फायदे
प्रदीप के. सिंह के अनुसार इस नई तकनीक से तीन फायदे होंगे- विदेश से पेट्रोलियम के आयात में कमी आएगी, कोयले से बिजली बनाने के दौरान होने वाला प्रदूषण नहीं होगा और देश के कोयला भंडारों का समुचित इस्तेमाल हो सकेगा।
गौरतलब है कि भारत में 302 अरब टन से भी ज्यादा कोयले के भंडार हैं। बहुत अधिक प्रदूषण फैलने की वजह से सरकार बिजली उत्पादन के लिए कोयले का इस्तेमाल कम से कम करना चाहती है। ऐसे में कोयले का इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल उत्पादन में बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।