नई दिल्ली। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है और लिखित दस्तावेजों को जमा करने के लिए सभी पक्षों को तीन दिन का समय दिया है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई पूरी करने के लिए आज (बुधवार को) शाम 5 बजे तक का समय तय किया था लेकिन यह एक घंटे पहले ही पूरी कर ली गई है।
बुधवार को सुनवाई की शुरुआत से ही तीखी दलीलें दी गईं। मौका दिए जाने पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दलील देनी शुरू की गईं तो सुप्रीम कोर्ट का माहौल गर्म था। हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से अदालत में एक किताब दी गई जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने विकास सिंह की ओर से दिए गए नक्शे को भी फाड़ दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सख्त ऐतराज जताया।
पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष इस प्रकरण की सुनवाई के 40वें दिन एक हिंदू पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष का यह दावा था कि विवाद की विषय वस्तु मस्जिद का निर्माण शासन की जमीन पर हुकूमत (बाबर) द्वारा किया गया था लेकिन वे इसे अभी तक सिद्ध नहीं कर पाये। वैद्यनाथन सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर मालिकाना हक के लिए 1961 में दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम पक्ष प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत के तहत विवादित भूमि पर मालिकाना हक का दावा कर रहे हैं तो उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि मूर्तियां या मंदिर पहले इसके असली मालिक थे। वैद्यनाथन ने कहा कि वे प्रतिकूल कब्जे के लाभ का दावा नहीं कर सकते। यदि वे ऐसा दावा करते हैं तो उन्हें पहले वाले मालिक, जो इस मामले में मंदिर या मूर्ति हैं, को बेदखल करना दर्शाना होगा।
इस प्रकरण की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं।
सुनवाई के आखिरी दिन क्या-क्या हुआ
- सुनवाई पूरी, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा। 23 दिन बाद आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला। निर्धारित समंय से एक घंटे पहले ही सुनवाई खत्म।
- लंच के बाद सुनवाई फिर शुरू हुई और मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं। उसे 45 मिनट का वक्त दिया गया। इस दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि हिंदू महासभा के प्रस्तुतीकरण में खामियां हैं।
- हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की एक किताब का हवाला दिया और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने किताब के नक्शे को फाड़ दिया। वकील के इस रवैये से भारत के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे।
- सीजेआई गोगोई ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा का अयोध्या मंदिर को लेकर दी गई दलील पर कहा, “यदि इस तरह की बहस जारी रहेगी तो हम उठकर चले जाएंगे।” इस पर हिंदू महासभा के वकील ने कहा, “मैं अदालत की बहुत इज्जत करता हूं। मैंने न्यायालय के शिष्टाचार को भंग नहीं किया है।”