रामपुर। जमीन पर अवैध कब्जा, फर्जीवाड़ा समेत दर्जनों मुकदमों की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान एक और मामले में फंस गए हैं। यह मामला उनके बहुचर्चित जौहर ट्रस्ट से जुड़ा है जिसके लिए उन्हेंने करोड़ों रुपयों की जमीन लोकहित (Public interest) के नाम पर ली पर उसका व्यावसायिक इस्तेमाल (Commercial use) किया। जांच में इस 66 हेक्टेयर जमीन को लेकर की गई शिकायत की पुष्टि हो गई है। जमीन सीलिंग की जद में आ गई है। ऐसे में इस बेशकीमती जमीन पर सरकार कब्जा ले सकती है। फिलहाल डीएम कोर्ट में वाद दायर कर लिया गया है।

 एसडीएम सदर द्वारी की गई जांच में में साफ हुआ है कि आजम खान ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए सपा शासन में जौहर ट्रस्ट के नाम पर सरकार से जमीन ली थी। जमीन लेते समय शासन ने इस शर्त पर स्टांप शुल्क माफ किया था कि जौहर ट्रस्ट जमीन का चैरिटेबल कामों के लिए इस्तेमाल करेगा। एसडीएम की रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट ने इस जमीन पर जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया लेकिन पिछले दस सालों में चैरिटी का कोई काम नहीं हुआ। इसी आधार पर एसडीएम सदर ने अपनी जांच रिपोर्ट में जौहर ट्रस्ट को दी गई 66 हेक्टेयर जमीन वापस लेने की संस्तुति की है। एसडीएम की रिपोर्ट पर डीएम ने अपनी कोर्ट में वाद दायर कर लिया है। मामले को सुनवाई के लिए एडीएम (वित्त एवं राजस्व) की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है। जौहर ट्रस्ट को नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है।

इस मामले की शिकायत भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से की थी। उन्होंने कहा था कि ट्रस्ट की ओर से चैरिटी का कोई कार्य नहीं किया जाता है। ट्रस्ट के सारे पदाधिकारी और सदस्य मोहम्मद आजम खान के परिवार के और नजदीकी लोग हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एसडीएम सदर को इसकी जांच सौंपी गई थी। 

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