भोपाल। इंदौर के बहुचर्चित “बैटमैन” आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को जमानत मिल गई। भोपाल की विशेष अदालत ने उनको जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने उन्हें एक अन्य मामले में भी जमानत दे दी है। दोनों मामलों में उन्हें 20-20 हजार रूपये के मुचलके पर जमानत मिली है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के आरेप में गिरफ्तार किया गया था।

आकाश के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि भोपाल की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह ने जमानत अर्जी पर आज सुनवाई के बाद आकाश को दोनों मामलों में 20-20 हजार रूपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि इंदौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आकाश की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी थी और उन्हें सलाह दी थी कि वे इसके लिए प्रदेश के सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित की गई भोपाल की विशेष अदालत में अपील करें। इसके अगले ही दिन शुक्रवार को आकाश के वकीलों ने उनकी जमानत के लिए भोपाल की विशेष अदालत का रुख किया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विभिन्न प्रदेशों में सांसदों और विधायकों के मामलों पर त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है।

गौरतलब है कि बीती 26 जून को जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान विवाद के बाद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था। कैमरे में कैद पिटाई कांड में पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आकाश को बुधवार को इंदौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के समक्ष पेश किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आकाश की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इसके बाद पुलिस नो न्यायिक हिरासत के तहत इंदौर की जेल में बंद आकाश को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में गुरुवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।

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