लखनऊ। मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। एलडीए, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने आज तड़के डालीबाग कॉलोनी में उनके अवैध कब्जे वाली दो इमारतों को ध्वस्त कर दिया। ये इमारते उनके बेटों के नाम दर्ज थीं। एलडीए ने बीते 11 अगस्त को इन इमारतों को ढहाने का आदेश दिया था।

इन दिनों माफिया की बेनामी संपत्तियों की जांच चल रही है। हजरतगंज और उससे जुड़े इलाकों की 19 संपत्तियों में मुख्तार के दखल को खंगाला जा रहा है। इनमें लसे 12 संपत्तियां हजरतगंज-रामतीर्थ वार्ड और 9 राजा राममोहन राय वार्ड में हैं।

अतिक्रमण हटाने के लिए एलडीए और पुलिस प्रशासन समेत 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी के साथ मौके पर पहुंचे। संयुक्त टीम ने गेट का ताला तोड़कर वहां बने निर्माण से सामान बाहर निकाल कार्रवाई शुरू की। इस दौरान मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर अंसारी की अधिकारियों के साथ झड़प भी हुई पर पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर भगा दिया। इन लोगों ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर दोमंजिला इमारत बना ली थी। पहले ये निर्माण राबिया अंसारी के नाम था। बाद में ये मुख्तार के बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के नाम हुआ। एलडीए की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि नगर विकास अधिनियम की धारा 27 के तहत कार्रवाई की गई है।

सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया, “ये दोनों बिल्डिंग पहले मुख्तार की मां के नाम थीं। गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी। मूलत: यह निष्क्रांत संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की है। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई है। प्रशासन बिल्डिंग के तोड़ने का खर्चा और अब तक का किराया भी वसूलेगा। इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रहे तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।”

गौरतलब है पिछले महीन एलडीए ने लालबाग में मुख्तार अंसारी से जुड़े एक अवैध निर्माण का बेसमेंट को सील किया था। कागजों में ये इमारत रईस अहमद के नाम पर दर्ज है मगर आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिल्डिंग के पीछे मुख्तार अंसारी का नाम था।

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