नई दिल्ली। आड़े वक्त में आखिरकार बड़ा भाई ही काम आया और अनिल अंबानी जेल जाने से बच गए। सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनेशन लिमिटेड (आरकॉम) के चैयरमैन के खिलाफ अवमानना मामला बंद कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में लिखा है कि उन्होंने 453 करोड़ रुपये चुका दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन से लिया कर्ज नहीं चुकाने के लिए अनिल अंबानी को दोषी माना था और कहा था कि अगर चार सप्ताह में बकाया 453 करोड़ रुपये नहीं चुकाये तो उन्हें तीन महीने की जेल की सजा होगी। अनिल अंबानी एरिक्सन इंडिया की तरफ से दायर की गई अदालत की अवमानना संबंधी याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश भी हुए थे।
ऐसे संकट के समय में बड़े भाई मुकेश अंबानी तमाम मतभेदों के बावजूद अनिल अंबानी की मदद करने के लिए आगे आए थे। मुकेश अंबानी ने बड़े भाई का फर्ज अदा करते हुए एरिक्सन को बकाया धनराशि का भुगतान कर छोटे भाई को जेल जाने से बचा लिया। गौरतलब है कि पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद दोनों भाइयों में मतभेद शुरू हो गए थे और रिश्ते इस हद तक तल्ख हो गए कि रिलांयस उद्योग समूह का बंटवारा हो गया।
क्या था पूरा मामला
यह पूरा मामला टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन इंड़िया और रिलायंस कम्युनिकेशन से जुड़ा हुआ था। एरिक्सन इंडिया ने रिलायंस कम्युनिकेशन आरकॉम पर बकाया करोड़ों रुपये के भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। मामले की सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशन को भुगतान करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था। तय समय पर रिलायंस कम्युनिकेशन की तरफ से बकाया नहीं दिए जाने पर एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।