लखनऊ। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल कई लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण और इनमें से कम से कम 10 लोगों की मौत की खबर आने के बाद से पूरे देश में हड़कंप है। उत्तर प्रदेश में भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अब तक जो जानकारी सामने आयी है, उसके अनुसार इस जमात में उत्तर प्रदेश के 19 जिलों के लोग शामिल हुए थे। ऐसे में उत्तर प्रदेश को कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी स्टेज में जाने से बचाने के प्रयास में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए चुनौती बढ़ गई है।
निजामुद्दीन मरकज में बीती 13 से 15 मार्च के बीच सम्पन्न इस जमात में उत्तर प्रदेश के करीब 160 लोग गए थे। इस चार दिवसीय जमात में ये लोग विदेशियों के सम्पर्क में भी आए थे। इस जमात में शामिल तेलंगाना के 6 लोगों की कोरेना वायरस के संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। जमात में शिरकत करने गए यूपी के लोगों में सर्वाधिक 28 मुजफ्फरनगर के हैं जबकि मेरठ के 24 और लखनऊ के 20 लोग हैं। इस तब्लीगी जमात में इसेक अलावालखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर के लोग भी शामिल हुए थे। ये सभी लोग दिल्ली में हैं और उन्हें वहां के अस्पतालों में क्वारंटाइन किया गया है।
मरकज में तेलंगाना के भी कुछ लोग शामिल हुए थे। इन छह लोगों में से हैदराबाद के गांधी अस्पताल में दो लोगों की मौत हुई है जबकि दो निजी अस्पतालों में एक-एक व्यक्ति ने दम तोड़ा है। निजामाबाद और गडवल कस्बे में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
तब्लीगी मरकज मरकज से जुड़े 24 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इसके अलावा 228 संदिग्ध मरीज भी दिल्ली के दो अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। इनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इस तरह से कुल 252 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
तब्लीगी का मतलब धर्म के विस्तार की शिक्षा और मरकज उसका मुख्यालय है। निजामुद्दीन स्थित इस केंद्र का मुसलमानों के लिए काफी महत्व है और धर्म के प्रचार-प्रसार का कार्य यहां से संचालित होता है। एक समय में इसमें करीब डेढ़ हजार लोग शामिल होते हैं। 15 मार्च के बाद भी यहां विदेशी आते रहे। जिस समय लॉकडाउन हुआ, उस सयम यहां 1500 लोग मौजूद थे।