नई दिल्ली। देश में दुष्कर्म (Rape) और दुष्कर्म के बाद हत्या जैसी घटनाओं में एकाएक हुए इजाफे के बाद जागी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। ऐसी घटनाओं में जल्द न्याय हो इसके लिए देश भर में 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे। फिलहाल देश में 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं।

दरअसल, केद्र सरकार चाहती है कि दुष्कर्म और पोस्को मामले की जांच 2 महीने में पूरी हो जबकि इन मामलों का ट्रायल 6 महीने में पूरा होना चाहिए। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश के सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों को फास्ट कोर्ट ट्रायल 6 महीने में पूरा करने के लिए पत्र लिखा है। कानून मंत्री ने सभी सभी मुख्यमंत्रियो को भी ऐसे मामलों की जांच 2 महीने में पूरा करने के लिए पत्र लिखा है।

तेलंगाना के हैदराबाद में 23 साल की पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनकी हत्या तथा देश में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के कई मामलों की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को कहा था कि महिला सुरक्षा उसकी उच्च प्राथमिकता में है और उसने देश भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं। 

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी ने लोकसभा में मंगलवार को एक लिखित जवाब में यौन अपराधियों पर एक डेटाबेस लॉन्च करने सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि आपराधिक कानून (संशोधन), अधिनियम 2013 को यौन अपराधों को रोकने के लिए लागू किया गया था। इसके पांच साल बाद आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018 को सख्त दंडात्मक प्रावधान के लिए अधिनियमित किया गया जिसमें 12 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म पर मौत की सजा शामिल है। इस अधिनियम में दो महीने के अंदर सुनवाई और जांच को पूरा करना अनिवार्य किया गया है।

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