नई दिल्ली। कोरोना वायरस (corona virus) के खिलाफ जंग के लिए देशभर में लागू किए गए ल़ॉकडाउन ने किसानों को भी मुश्किल में डाल रखा है। रबी की फसल खेतो में तैयार खड़ी है पर उसको काट नहीं पा रहे, मजदूर और वाहन नहीं मिलने की वजह से सब्जियां और केले, पपीते खेतों में ही सड़ रहे हैं। किसी तरह इन समस्याओं का समाधान हो भी जाए तो अगली फसल बोने की तैयारी करना भी पहाड़ तोड़ने सरीखा कठिन काम है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने किसानों को कई राहत दी हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य सरकारों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि खेती-किसानी के काम और उससे जुड़े लोगों की आवाजाही में छूट है, इसलिए इसका पालन किया जाए।
सरकार के मुताबिक खाने-पीने संबंधित सामानों की कमी नहीं होनी चाहिए इसलिए खेती-किसानी वाले काम को छूट देना ज़रूरी है। इस समय रबी की फसल की आवक मंडियों में होती और उसकी खरीद-बिक्री होती है इसलिए इस फसल चक्र और बाजार व्यवस्था को बनाए रखना भी अहम है। इसलिए स्थानीय प्रशासन इस काम में लगे लोगों की पहचान करके उनके लिए पहचान कार्ड बनाए ताकि उन्हें आसानी हो।
जिन कामों के लिए छूट दी है उनमें शामिल हैं ये काम:
-खाद, उर्वरक की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्य और कृषि उपकरणों की उपलब्धता वाले कस्टम हायरिंग केंद्र (सीएचसी)
-कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित काम, संस्थाओं और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्य
– कृषि उत्पाद बाजार कमेटी और राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों के काम
-उर्वरक, कीटनाशक और बीजों का उत्पादन
-पैकेजिंग यूनिट, फसल कटाई और बुआई से संबंधित कृषि एवं बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही