नई दिल्ली। मार्च 2020 में BS-4 वाहन खरीदने वाले लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी दी है। दरअसल, जिन लोगों ने लॉकडाउन के कारण 31 मार्च की समयसीमा से पहले BS-4 वाहनों को पंजीकृत नहीं कराया था, उन्हें रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी गई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि केवल उन BS-4 वाहनों को रजिस्टर्ड किया जाएगा जिन्हें लॉकडाउन से पहले बेचा गया था और ई वाहन पोर्टल (E vehicle portal) पर अपलोड किया गया था। मतलब ये कि लॉकडाउन के बाद बेचे गए BS-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक बरकरार रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो वाहन  ई-वाहन पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं, उन्हें पंजीकृत नहीं किया जाएगा। मार्च 2020 के बाद बेचे गए BS-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) का दावा है कि 12 मार्च से 31 मार्च के बीच 1.34 लाख वाहन बेचे गए। सरकारी वकील ने बताया कि 39,000 वाहन ई वाहन पोर्टल में अपलोड नहीं किए गए हैं। सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले मार्च 29, 30 और 31 तारीखों में 2.5 लाख से अधिक बीएस-4 वाहनों की बिक्री देखी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने लॉ पिछली सुनवाई में कडाउन के दौरान BS-4 वाहनों की बिक्री को लेकर सवाल खड़े किए थे। अदालतने कहा था कि मार्च के आखिरी हफ्ते में सामान्य से ज्यादा वाहन बिके जबकि इस दौरान लॉकडाउन था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में BS-4 वाहन बिक्री के आंकड़े भी मांगे थे।

ये है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने BS-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी। इसी के बीच में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था जबकि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया। इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं। इसलिए वे BS-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 प्रतिशत BS-4 वाहनों को बेचने की इजाजत दी थी। इसके बाद 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने 27 मार्च के आदेश को वापस ले लिया। इस फैसले के बाद 31 मार्च 2020 के बाद बिके BS-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लग गई। अब ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन से पहले बिके वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है।

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