लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण निषेध कानून लागू होने के बावजूद धर्म परिवतर्न सुनियोजित तरीके से चल रहा है। ऐसे ही एक रैकेट का उत्तर प्रदेश एटीएस ने खुलासा कर 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। कई दिन चली पूछताछ में पता चला है कि ये लोग एक हजार से अधिक लोगों को मुस्लिम बना चुके हैं।  

अपर पुलिस महानिदेशक एटीएस एवं कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सोमवार को यहा जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मतांतरण का सुनियोजित खेल चल रहा है। इस बारे में जानकारी मिलने पर एटीएस को सक्रिय किया गया। इसी दौरान जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम हत्थे चढ़ गए। इन लोगों ने एक हजार लोगों का धर्म बदलवाकर उन्हें मुस्लिम बनाने की बात स्वीकार की है। यह बड़ा खेल इस्लामिक दावा सेंटर के जरिये चल रहा था। इसके लिए पाकिस्तानी की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ भी फंडिंग कर रही थी।

उमर और जहांगीर ने बताया कि इन लोगों ने धन का लालच देकर धर्मांतरण करवाया है। इनको आइएसआइ से इस काम के लिए फंडिंग होती थी। ये लोग मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाते थे। मतांतरण के बाद महिलाओं की शादी भी कराई गई है। इस काम के लिए एक पूरा गिरोह काम कर रहा था। इन लोगों का रैकेट और भी कई राज्यों में सक्रिय होने की बात सामने आई है। इन दोनों लोगों ने मथुरा और वाराणसी समेत प्रदेश के कई जिलों में अभियान चलाकर मतांतरण करवाया है। कानपुर के एक बच्चे को तो दक्षिण भारत के किसी शहर ले जाया गया है। उसके बारे में एसटीएफ पता लगा रही है। इनके पास से एक हजार महिलाओं और बच्चों की सूची मिली है।

यूपी एटीएस टीम करीब चार दिन से इनसे पूछताछ करके सुबूत जुटा रही थी। पकड़े गए मौलाना जहांगीर और उमर गौतम लखनऊ के बड़े मुस्लिम संस्थान से जुड़े हैं। दोनों मौलानाओं का दावा है कि वे इस्लामिक सेंटर के नाम से संस्था चलाते हैं। हालांकि पुख्ता सुबूत मिले हैं कि यो दोनों शातिर नोएडा डेफ सोसायटी में संचालित मूक बधिर स्कूल के छात्र-छात्राओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं।

इस मामले में गिरफ्तार दिल्ली के जामियानगर के मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पर गंभीर धारा में केस दर्ज किया गया है। अब इनसे पूछताछ में और भी लोगों के नाम सामने आएंगे। रामपुर के एक गांव में दो गरीब बच्चों का जबरन खतना के बाद मतांतरण करवाने में भी एक मौलाना का हाथ सामने आया है। दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनको विदेश से संचालित एक मुस्लिम संगठन भी फंडिंग कर रहा था। यूपी एटीएस उसके बारे में जानकारी जुटा रही है।

दरअसल, बीते 3 जून को गाजियाबाद केडासना देवी मंदिर में दो मुस्लिम लड़कों ने पुजारी पर हमले का प्रयास किया गया। इसके बाद दोनों को जब पकड़ा गया तो मौलाना उमर और जहांगीर के बारे जानकारी मिली। माना जा रहा है कि इनके कनेक्शन उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य कई राज्यों से जुड़े थे। मोहम्मद उमर गौतम पुत्र स्वर्गीय धनराज सिंह गौतम भी 70 के दशक में मुसलमान बना था। इसके बाद वह दिल्ली में डेरा बनाकर इस अभियान में लग गया।

 

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