श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लस्सीपोरा में सुरक्षाबलों और आंतकियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों के पास से AK सीरीज की तीन राइफलें और एक सेल्फ लोडेड राइफल (एसएलआर) भी बरामद हुई। मारे गए आतंकियों की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है।
क्षेत्र में आतंकवादियों के मौजूद होने की सूचना पर सीआरपीएफ की 182वीं बटालियन, 44 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गुरुवार शाम क्षेत्र की घेराबंदी कर दी। सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने जल्द ही उस घर की पहचान कर ल जिसमें आतंकी छिपे हुए थे। आतंकियों की तरफ से गोलीबारी शुरू होने के बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की थी जिसमें कुछ ही घंटे के अंतराल में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मारकर उसका शव बरामद कर लिया।
सुरक्षाबल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की तरफ से गोलीबारी रुकने के बाद यह मान लिया गया था कि घर में मौजूद सभी आतंकियों को मार गिराया गया है। सुरक्षाबल तलाशी अभियान शुरू करते, इससे पहले ही तीन आतंकी पड़ोस के घर में दाखिल हो गए। तलाशी अभियान के बीच इन आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस पर सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू किया। सुरक्षाबलों को दूसरी खुशखबरी शुक्रवार की सुबह मिली। करीब 12 घंटे की मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने दो अन्य आतंकियों को मार गिराया।
सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह दोनों आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए। सुरक्षाबलों ने अब तक तीन आतंकियों को सफलतापूर्वक मार गिराया था। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच यह मुठभेड़ खत्म होती, इससे पहले घर में छुपे चौथे आतंकी ने सुरक्षाबलों पर रुक-रुक कर फायरिंग शुरू कर दी। इधर, मुठभेड़ की खबर लगते ही पत्थरबाजों का हूजुम भी मुठभेड़ स्थल की तरफ आने की कोशिश करने लगा था। इन पत्थरबाजों को रोकने के लिए सीआरपीएफ के 182वीं बटालियन से पहुंची अतिरिक्त फोर्स ने पत्थरबाजों के हुजूम की घेराबंदी कर उन्हें एक जगह पर रोक लिया। इसी बीच, शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे सुरक्षाबलों ने चौथे आतंकी को भी मार गिराया।
इसके पहले इसी साल एक अप्रैल को पुलवामा जिले के लस्सीपोरा में ही आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में लश्कर के चार आतंकी मारे गए थे। तब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 44 आरआर बटालियन सेना और एसओजी ने आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया था। राज्य में आंतकियों के सफाए के लिए सुरक्षाबलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस कारण सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ों का सिलसिला थम नहीं रहा है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस साल घाटी में हिंसक घटनाओं में भारी कमी आई है।
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