52 वर्षीय शाह ने यह भी कहा कि भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार घोषित नहीं करना पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा था। एक साक्षात्कार के दौरान यह पूछे जाने पर कि राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा को यदि पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो क्या पार्टी सरकार बनाने के लिए बसपा या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करेगी, शाह ने कहा, ‘किसी से भी हाथ मिलाने का दूर-दूर तक कोई सवाल नहीं उठता।
शाह की ओर से यह टिप्पणी कुछ चुनावी सर्वेक्षणों और राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा उत्तर प्रदेश में एक त्रिशंकू विधानसभा का अनुमान लगाने की पृष्ठभूमि में आयी है क्योंकि सपा-कांग्रेस, बसपा और भाजपा का राज्य में एक मजबूत ढांचा और निष्ठावान सामाजिक आधार है। शाह ने उत्तर प्रदेश में काफी व्यापक प्रचार किया है। वह 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस चुनाव के महत्व को स्वीकार करते हैं लेकिन साथ ही उनका यह भी मानना है कि परिणाम देश के विकास के लिए अधिक महत्वपूर्ण होगा।
शाह वर्ष 2014 का प्रदर्शन दोहराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं जब भाजपा को उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से 71 सीटें मिली थीं क्योंकि सपा..कांग्रेस गठबंधन और मायावती की बसपा से कड़ा मुकाबला मिल रहा है। शाह ने उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव और उसका पार्टी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए महत्व को लेकर विभिन्न सवालों के जवाब दिये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस राज्य में काफी चुनाव प्रचार किया है। शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में ‘पूर्ण बहुमत’ के साथ अगली सरकार बनाएगी। यद्यपि वह पंजाब के बारे में कोई पूर्वानुमान करने को तैयार नहीं। शाह यह स्वीकार करते हैं कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल..भाजपा, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था।
उन्होंने कहा, ‘गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकारें बनाएंगे। पंजाब में त्रिकोणीय मुकाबला है, इसलिए यह पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है कि कौन जीतेगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करने में भाजपा कोई नुकसान देखती है क्योंकि आखिरी समय में हुए सपा-कांग्रेस गठबंधन ने वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है जबकि मायावती बसपा की इस पद के लिए स्पष्ट पसंद हैं। उन्होंने इसका जवाब ना में दिया ।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार घोषित नहीं करना पार्टी की रणनीति थी। उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा देने से इनकार कर दिया कि भाजपा के जीत दर्ज करने पर क्या गृह मंत्री राजनाथ सिंह जैसे कोई केंद्रीय नेता या राज्य के नेताओं में से किसी को मुख्यमंत्री चुना जाएगा। उन्होंने कहा कि पद के लिए नाम का चयन निर्वाचित विधायकों और भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाएगा। शाह ने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले राज्य में श्मशान और कब्रिस्तान के लिए भूमि आवंटन के बारे में बात करके प्रचार में साम्प्रदायिकता का रंग डालने का प्रयास किया था।
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