लखनऊ/नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) में मचा अंदरुनी घमासान मंगलवार को भी जारी है। अखिलेश और मुलायम के बीच मंगलवार को बंद दरवाजे के पीछे हुई मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि सुलह पर कुछ सहमति बन गई है, लेकिन बाद में ये खबर आई कि दोनों गुट अपनी-अपनी शर्तों को लेकर अब भी अड़े हैं। इस मुलाकात के बाद पार्टी में सुलह-समझौते की उम्मीद धूमिल पड़ती नजर आई।
जानकारी के अनुसार, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को अखिलेश यादव के साथ लखनऊ में मुलाकात की। मुलायम सिंह यादव के घर पर करीब पौने दो घंटे तक यह बैठक चली। इस बैठक के बाद मीडिया के सवालों के जवाब दिए बिना मुख्यमंत्री अपने आवास की ओर निकल गए। जानकारी के अनुसार, मुलायम और अखिलेश के बीच मुलाकात में सुलह को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया और बैठक बेनतीजा रही है। सूत्रों के अनुसार, दोनों खेमे अपनी अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं। मुलायम और अखिलेश के बीच अकेले में बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार, बाद में मुलायम ने अखिलेश को फोन भी किया। इस बैठक के बाद मुलायम ने शिवपाल यादव से भी मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, मुलायम अपने बेटे अखिलेश को टिकट बांटने का अधिकार देने के लिए तैयार हैं। मुलायम अब अखिलेश को सभी अधिकार देने को तैयार हैं, लेकिन पार्टी अध्यक्ष के सवाल पर अड़े हुए हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान ना तो मुख्यमंत्री के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बन चुके उनके चाचा शिवपाल यादव और ना ही परिवार में झगड़े की जड़ कहे जा रहे राज्यसभा सदस्य अमर सिंह मौजूद थे। इससे पहले अखिलेश अपने पिता के बुलावे पर घर से सटे मुलायम के घर पहुंचे। इस बैठक को सपा में सुलह-समझौते के लिये बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। बता दें कि अभी तक सपा में कोई सुलह-समझौते की संभावनाओं के दरवाजे बंद करने वाले मुलायम ने सब कुछ ठीक करने की दिशा में पहल करते हुए आज मुख्यमंत्री अखिलेश को मुलाकात के लिए बुलाया था। इसी के तहत अखिलेश आज सुबह मुलायम के आवास पर पहुंचे।
इससे पहले, मुलायम सिंह यादव ने अपने रुख में कुछ नरमी लाते हुए कहा था कि वह अभी भी पार्टी के अध्यक्ष हैं और उनके अपने पुत्र के साथ कोई मतभेद नहीं हैं। अगला मुख्यमंत्री अखिलेश ही बनेगा। दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने दोनों खेमों को दस्तावेज भेज दिए हैं। आयोग ने दोनों खेमों से एक-दूसरे के दस्तावेजों पर जवाब मांगा है। अब दस्तावेजों पर दोनों पक्षों को जवाब देना होगा।
बता दें कि सपा संस्थापक मुलायम ने कल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनने की स्थिति में मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर अपना रुख बदलते हुए कहा था कि अखिलेश ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। उसके बाद से सपा में सुलह की उम्मीदें जागी थीं। सपा में दो फाड़ के बाद चुनाव चिहन ‘साइकिल’ पर दावेदारी को लेकर चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के लिये दिल्ली गये मुलायम ने कल रात को लखनऊ लौटने के बाद संवाददाताओं से कहा ’’अगला मुख्यमंत्री अखिलेश ही बनेगा। इस सवाल पर कि अखिलेश को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाये जाने को लेकर कुछ भ्रम पैदा हो गया है, उन्होंने कहा भ्रम तो अपने आप फैल गया। भ्रम तो अपने आप ही खत्म हो रहा है। अगला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही बनेगा। मुलायम ने कहा था कि हमारी पार्टी एक है। हमारी पार्टी टूटने का सवाल नहीं है। पार्टी में एक ही व्यक्ति गड़बड़ कर रहा है।
परसों तक सपा में कोई सुलह-समझौते की सम्भावनाओं के दरवाजे बंद करने वाले मुलायम ने सब कुछ ठीक करने की दिशा में पहल करते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश को मुलाकात के लिये बुलाया था। मुलायम ने परसों दिल्ली में कहा था कि वह अब भी सपा के अध्यक्ष हैं जबकि अखिलेश प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। साथ ही शिवपाल यादव सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
मालूम हो कि गत एक जनवरी को सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि मुलायम को पार्टी का ‘सर्वोच्च रहनुमा’ का पद दिया गया था। इसके अलावा सपा महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निष्कासित करने तथा शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय भी लिया गया था। मुलायम ने इस सम्मेलन को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसमें लिये गये तमाम फैसलों को अवैध ठहराया था।