नई दिल्ली। भारत में अब दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल और डीजल (Clean Petrol and Diesel) मिलेगा। एक अप्रैल से देश में यह बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एक अप्रैल से नये उत्सर्जन मानक भारत चरण-6 (BS-6) के अनुकूल ईंधनों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। भारत केवल तीन साल में यह मुकाम हासिल कर रहा है। दुनिया में ऐसी कोई बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं है जिसने इतने कम समय में ऐसा किया हो। भारत इस तरह दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो रहा है जहां सबसे क्लीन पेट्रोल-डीजल मिल रहा है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह दावा किया।
BS-6 ग्रेड के पेट्रोल और डीजल के इस्तेमाल से वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर काफी हद तक रोक लगेगी। इंडियन ऑयल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा, “करीब-करीब सभी परिशोधन संयंत्रों ने वर्ष 2019 के आखिर तक BS-6 वाहनों के अनुरूप पेट्रोल और डीजल का उत्पादन शुरू कर दिया था। अब पेट्रोलियम कंपनियों ने देश में पेट्रोल और डीजल की आखिरी बूंद को BS-6 स्टैंडर्ड वाले ईंधन में बदलने की ठान ली है।”
संजीव सिंह ने कहा, “हम एक अप्रैल से BS-6 ईंधनों की आपूर्ति करने की दिशा में पूरी तरह से सही राह पर हैं। लगभग सभी परिशोधन संयंत्रों ने BS-6 ईंधनों की आपूर्ति शुरू कर दी है और ये ईंधन देश भर में भंडार डिपो तक पहुंचने लगे अगले कुछ सप्ताह में सिर्फ स्वच्छ ईंधन ही उपलब्ध होंगे।
भारत ने 2010 में BS-3 उत्सर्जन मानक को अपनाया था। BS-3 से BS-4 तक पहुंचने में देश को सात साल का समय लगा था। सरकारी परिशोधन कंपनियों ने नए मानक के अनुकूल ईंधन तैयार करने के लिए करीब 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। BS-6 के अनुकूल पेट्रोल और डीजल में सल्फर की मात्रा महज 10 पीपीएम होती है। यह सीएनजी की तरह स्वच्छ माना जाता है।”