सरकार ने कहा है कि बीएसएनएल को एक नोट बनाना होगा जिसमें यह बताना होगा कि कंपनी के बंद होने के बाद क्या होगा। सरकार ने कुछ अन्य विकल्पों को भी तलाशने की बात कही है।
नई दिल्ली। कभी भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एकछत्र राज करने वाले भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अपने अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजार रहा है। Connecting India का जोश ठंडा पड़ चुका है। कंपनी पिछले तीन साल से लगातार घाटे में चल रही है। सूत्रों के अनुसार हालत यह है कि सरकार ने भी मान लिया है कि बीएसएनएल अब लाभकारी (Profitable) नहीं रहा। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने कथित तौर पर बीएसएनएल को बंद करने सहित सभी विकल्पों का पता लगाने के लिए कहा है। अगर अब भी हालत सुधरते नहीं लगे तो सरकार बीएसएनएल को बेच या बंद कर सकती है।
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत संचार निगम लि. के मुख्य अधिकारियों ने हाल ही में दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन से मुलाकात की थी जिसके बाद सरकार ने ये निर्देश दिए।
बताना होगा कि कंपनी के बंद होने के बाद क्या होगा
रिपोर्ट के अनुसार अरुणा सुंदरराजन से मुलाकात के दौरान बीएसएनएल की मौजूदा वित्तीय स्थिति, नुकसान, टेलीकॉम बाजार में जियो के आने का प्रभाव, स्वैच्छिक रिटायरमेंट योजना (वीआरएस) की संभावना और कर्मचारियों के लिए पहले रिटायरमेंट की योजना के बारे में बात हुई। केंद्र सरकार ने कहा है कि बीएसएनएल को एक नोट बनाना होगा जिसमें यह बताना होगा कि कंपनी के बंद होने के बाद क्या होगा। सरकार ने कंपनी से कुछ अन्य विकल्पों को भी तलाशने की बात कही है जिसमें स्ट्रेटेजिक विनिवेश आदि शामिल हैं। बीएसएनएल के अधिकारियों से इन सभी विकल्पों पर तुलनात्मक विश्लेषण पेश करने को कहा गया है।
बीएसएनएल “प्रारंभिक बीमार”
दरअसल, बीएसएनएल पिछले तीन साल से लगातार घाटे में है। वर्ष 2016-17 में तो उसे 4793 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइसेज द्वारा दी गई गाइडलाइन्स के अनुसार बीएसएनएल को “प्रारंभिक बीमार”(Incipient Sick) बताया गया है। गौरतलब है कि बीएसएनएल पिछले कुछ वर्षों में अपने नेटवर्क पर 4जी पर अपग्रेड करने में असफल रहा है।