नई दिल्ली। (Ease of doing business ranking 2019) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता रैंकिंग जारी की। इस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे और तेलंगाना तीसरे स्थान पर रहा। तेलंगाना पिछली बार दूसरे स्थान पर था लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश ने उसे पीछे कर दिया। स्टेट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जारी किया

इस रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश 10 स्थान ऊपर आया है। 2017 में यह 17वें स्थान पर था, वहीं 2019 की रैंकिंग में वह 7वें पायदान पर पहुंच गया है। उत्तराखंड 12 पायदान ऊपर चढ़ कर 23वें स्थान से 11वें पर पहुंच गया है। लक्ष्यद्वीप 18 स्थान की छलांग लगा कर 33वें से 15वें तथा दमन एंड दीव 33वें से 18वें स्थान पर पहुंच गया है।

साल 2015 से लेकर अब तक अपनी रैंकिंग में सबसे अधिक सुधार लाने वाला लक्ष्यद्वीप रहा है। 2015 में इसकी रैंक 33 थी जो 2019 में 15 हो गई है। इसके बाद दमन और दीव तथा उत्तराखंड की रैंक में सबसे अधिक सुधार आया है। दमन और दीव की रैंक 15 स्थान व उत्तराखंड की रैंक 12 स्थान ऊपर हुई है। 

यह रैंकिंग सौ सूचकांकों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन पर आधारित है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का चौथा संस्करण है। सरकार के अनुसार यह सुधारों के दायित्वों को गहरा और विस्तृत कर रहा है।

इस पूरी प्रक्रिया का मकसद राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना और घरेलू एवं वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कारोबारी माहौल को सुधारना है। राज्यों को रैंकिंग कई मानकों मसलन निर्माण परमिट, श्रम नियमन, पर्यावरण पंजीकरण, सूचना तक पहुंच, जमीन की उपलब्धता और एकल खिड़की प्रणाली के आधार पर दी जाती है।

कारोबार सुधार कार्रवाई योजना के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए इस प्रकिया को पूरा करता है। पिछली रैंकिंग जुलाई, 2018 में जारी हुई थी। उस समय आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर रहा था। उसके बाद क्रमश: तेलंगाना और हरियाणा का स्थान था।

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