नई दिल्ली। चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से रुपये लेने की खबर सोमवार को विभिन्न समाचार माध्यमों में छाते ही कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल सक्रिय हो गए। रुपये लेने का खंडन करते हुए कहा कि आरोपों में सच्चाई नहीं है और यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। साथ ही धमकाया कि जिन समाचार माध्यमों ने इस बारे में उनका नाम लेते हुए स्टोरी की है, अगर उसे नहीं हटाया तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

 गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई थी जिनका इस्तेमाल सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन में हुआ था।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, “आरोप लगाया जा रहा है कि सीएए प्रोटेस्ट के लिए मैंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से रुपये लिये हैं। इसमें मेरा और कुछ अन्य वकीलों का नाम लिया जा रहा है। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यह झूठ की बदौलत लोगों की प्रतिष्ठा खत्म करने की साजिश का हिस्सा है।” अपनी सफाई में उन्होंने यह भी कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में हदिया केस को लड़े थे लेकिन उसके लिए उन्हें मार्च 2018 में ही भुगतान मिल चुका है।

सिब्बल ने  कहा, “हादिया केस में सुप्रीम कोर्ट में मैंने हदिया का प्रतिनिधित्व किया था। शफीन जहां ने हदिया से शादी की थी। हदिया ने धर्मपरिवर्तन किया था। मामला अदालत में पहुंचा। पीएफआई  ने हदिया के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। 7 मौकों पर मैंने हदिया का प्रतिनिधित्व किया और हम मुकदमा जीते। 2017 का केस था। उसके लिए मुझे सभी भुगतान मार्च 2018 से पहले मिले थे। वह पेशेवर सेवा के लिए था।”

 पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “क्या मुझे ख्वाब आना था कि अमित शाह गृह मंत्री बनेंगे, वह सीएए लाएंगे, सीएए के खिलाफ प्रोटेस्ट होगा, शाहीन बाग में प्रोटेस्ट होगा और मुझे 2017 में ही इसके लिए रुपये ले लेने होंगे।”

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