लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में एक दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसके अनुसार श्रम विभाग में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत काम करने वाले एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों की तरह प्राइवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता दिया जाएगा।

लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने बताया कि श्रम विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक कर्मचारी बीमा अस्पताल के 200 डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस भत्ता मूल वेतन का 20 प्रतिशत मिलेगा। यानि डॉक्टरों का मूल वेतन एक लाख रुपये है तो 20 हजार रुपए नॉन प्रैक्टिस भत्ता मिलेगा। अभी तक कर्मचारी बीमा अस्पताल के डॉक्टर 10 हजार रुपये फिक्स नॉन प्रैक्टिस भत्ता पाते हैं। अब उन्हें मूल वेतन का 20 प्रतिशच नॉन प्रैक्टिस भत्ता मार्च से मिलेगा। मार्च से लेकर दिसंबर तक का उन्हें एरियर भी मिलेगा।

बैठक में नगर निगम मथुरा/वृंदावन के साथ ही प्रतापगढ़ की नगर पालिका परिषद बेल्हा के सीमा विस्तार को मंजूरी प्रदान की गई। सहारनपुर, मऊ, बलरामपुर, अलीगढ़, पीलीभीत, बलिया,रामपुर, सोनभद्र समेत कई जिलों में नगर पंचायतों के सीमा विस्तार एवं नगर पंचायत के गठन को भी मंजूरी दी गई।

इन प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने दी मंजूरी

  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के दाह संस्कार के लिए दिए जाने वाले अनुदान में बढ़ोत्तरी।
  • विधानसभा में लाए जा रहे संविधान एक 126वां संशोधन विधेयक 2019 का मसौदा।
  • कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच के बनी एसआईटी को पुलिस थाना अधिसूचित किया जाएगा। 
  • गोरखपुर में गोरखपुर-महाराजगंज-निचलौल मार्ग में (19.400 किमी) के निर्माण योजना को मंजूरी।
  • देवरिया में सोनौली-नौतनवां-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग राज्य मार्ग संख्या-1 पर (28.900 किमी) प्रस्ताव।
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