नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत ने कहा कि जिस तरह 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने कार्रवाई कर दुनिया को संदेश दिया था, उसी तरह का एक्शन पाकिस्तान के खिलाफ उठाया जाना चाहिए। ये साफ है कि पाकिस्तान से आतंकी संगठन ऑपरेट कर रहे हैं।
रायसीना डायलॉग के तीसरे दिन गुरुवार को सीडीएस बिपिन रावत ने आतंकवाद के प्रायोजक पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि न सिर्फ आतंकवाद को खत्म करना होगा बल्कि आतंकवाद समर्थक देश पाकिस्तान को भी कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करना होगा। रायसीना डायलॉग्स का आज तीसरा और आखिरी दिन है।
सीडीएस
ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हो रही है। यह
ऐसी चीज है जो लगातार रहेगी, हमें इसके साथ तब तक
रहना होगा जब तक की हम इसे समझ न जाएं और आतंकवाद की जड़ों तक न पहुंचें। अगर हमें
ऐसा लगता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई खत्म होने वाली है तो हम गलत हैं।”
रावत ने कहा, “हम आतंकवाद को समाप्त कर सकते हैं और यह केवल उसी
तरह हो सकता है जिस तरह से अमेरिकियों ने 9/11 के
बाद शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध करें। ऐसा
करने के लिए आपको आतंकवादियों को अलग-थलग करना होगा, जो
भी आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है उसके साथ भी यही करना होगा।”
सीडीएस रावत ने आगे
कहा, “जब तब आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश हैं, तब तक हमें इस खतरे का सामना करते रहना होगा।
हमें इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा। वह आतंकवादियों को प्रॉक्सी के रूप में
उपयोग करते हैं, उन्हें हथियार उपलब्ध कराते हैं, उन्हें फंडिंग करते हैं। ऐसे में हम आतंकवाद को
नियंत्रित नहीं कर सकते।”
शांति वार्ता पर जनरल रावत ने कहा कि आपको
(अफगानिस्तान में) हर किसी के साथ एक शांति समझौते पर आना होगा, अगर आपको उनके साथ शांति समझौते करना है तो शांति
वार्ता के लिए जाना होगा। तालिबान या जो भी संगठन आतंक के हथियार को छोड़ना चाहते
हैं उन्हें राजनीतिक मुख्यधारा में आना होगा।
उन्होंने कहा कि
वित्तीय कार्रवाई कार्यबल द्वारा आतंकवाद समर्थित देश को ब्लैकलिस्ट करने का कदम
अच्छा है। आपको कूटनीतिक अलगाव करना होगा। सीडीएस के पद को लेकर उन्होंने कहा कि
सीडीएस को स्पष्ट और अच्छी तरह से परिभाषित जिम्मेदारियां मिली हैं। उसके पास
परिचालन मुद्दों को छोड़कर तीन सेवा प्रमुखों पर कुछ अधिकार हैं।
MOBY ग्रुप के सीईओ साद मोहसेनी ने अमेरिका पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब वे कासिम सुलेमानी को निशाना बना सकते हैं तो फिर रावलपिंडी में बैठे जनरल को क्यों नहीं बनाते। अफगानिस्तान में तालिबान समस्या का जिक्र करते हुए मोहसेनी ने कहा कि अमेरिकी सीनेट भी जानता है कि आईएसआई ने किस तरह से तालिबान को खड़ा होने में मदद की है।
ब्रिटेन के राजनयिक गैरेथ बायले ने भी पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में आतंकवाद पनप रहा है और इससे पाकिस्तान ही नहीं बल्कि मध्य एशिया की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।”