पेइचिंग। चीन ने अपनी पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को दुनिया के सामने पेश कर दिया है। इसको दो कंपनियों सिनोवेक बायोटेक और सिनोफॉर्म ने मिलकर तैयार किया है। हालांकि, इस वैक्सीन को अभी बाजार में जारी नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल अभी जारी है। सभी ट्रायल्स सफलतापूर्वक खत्म होने के बाद इसे बाजार में जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह वैक्सीन इस साल के आखिरी में ही बाजार उपलब्ध होगी।
चीन ने इस वैक्सीन को सोमवार को पेइचिंग ट्रेड फेयर में प्रदर्शित किया जिसे देखने के लिए भारी भीड़ पहुंची थी। सिनोवेक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि उनकी फर्म ने वैक्सीन को बनाने के लिए एक फैक्ट्री को तैयार कर लिया है जो हर साल 300 मिलियन डोज बनाने में सक्षम है।
जिस कोरोना वैक्सीन को चीन ने प्रदर्शित किया है, वह दुनिया के उन 10 वैक्सीनों में शामिल है जो अपने क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी चरण में हैं। इस समय सभी देश कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने और अपनी आर्थिक हालात को सुधारने में जुटे हुए हैं। जैसे ही किसी भी वैक्सीन के सफल होने की पुष्टि होती है उसे आधिकारिक मान्यता दे दी जाएगी।
ट्रायल के पहले चुनिंदा लोगों को लगाई वैक्सीन
दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन ने एक महीने पहले ही अपने लोगों को वैक्सीन दे दी थी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को खुलासा किया था कि वह 22 जुलाई से ही अपने लोगों को वैक्सीन की डोज दे रहा है। हालांकि, आयोग ने यह नहीं बताया कि चीन में क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंची चार वैक्सीन में से किसे लोगों को दिया गया है। इतना ही नहीं, आयोग ने यह भी दावा किया कि लोगों पर इस वैक्सीन का कोई कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।
कोरोना फैलाने के कारण झेल रहा आलोचन
कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन की विश्व स्तर पर आलोचना हो रही है। यही कारण है कि वह कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास को लेकर इतनी तेजी दिखा रहा है। हालांकि उस पर इस संक्रमण को दुनियाभर में फैलाने का भी आरोप लग चुका है। ऐसी भी खबरें आई थी कि चीन ने कुछ लोगों को फाइनल ट्रायल के पहले ही वैक्सीन की डोज दे दी थी।