लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आंच जामिया मिलिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बाद लखनऊ के नदवा कॉलेज तक भी पहुंच गई है। दिल्ली में छात्रों की पिटाई और सीएए के विरोध में दारुल उलूम नदवा के छात्र सोमवार को सुबह उग्र हो गए। प्रदर्शन और हंगामे के बाद संस्थान में पांच जनवरी तक के लिए अवकाश की घोषणा कर दी गई है। प्रदर्शन की आग इंटीग्रल विश्वविद्यालय भी पहुंच गई। छात्रों ने परिसर से बाहर निकलकर नारेबाजी की। हालात के मद्देनजर रखते हुए इंटीग्रल विश्वविद्यालय भी तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इस बीच नदवा कॉलेज के पास कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। नदवा कॉलेज व आसपास के क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया में छात्र-छात्राओं की पिटाई के बाद रविवार रात को भी नदवा के छात्रों ने गेट पर प्रदर्शन किया था। पुलिस ने छात्रों को समझ-बुझाकर गेट के अंदर कर दिया। मामले को सामान्य घटना मान कर रात में ही परिसर के बाहर से पुलिस हटा ली गई। सोमवार को सुबह नौ बजे के करीब बड़ी संख्या में छात्रों ने गेट के बाहर आकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, लखनऊ विश्वविद्यालय जाने वाली रिंग रोड भी बंद कर दी।

करीब दो घंटे प्रदर्शन चलने के बाद नदवा के प्राचार्य और शिक्षकों ने छात्रों को समझने की कोशिश की । कुछ छात्र शिक्षकों की बात सुनकर कर परिसर में चले गए जबकि 20 से 25 बाहर बैठे रहे। छात्रों की कम संख्या को देख कर पुलिस ने लाठी के दम पर उनको खदेड़ना चाहा। इस पर छात्र उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। बवाल बढ़ता देख पुलिस ने हवाई फायरिंग की।  हालांकि कुछ लोगों के अनुसार पथराव करने वाले बाहरी तत्व थे। इस घटना की जानकारी मिलते ही  डीएम और एसएसपी समेत कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। परिसर के आसपास का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

जलसे में भडकाया गया था छात्रों को

ईदगाह इमाम व मुस्लम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि शनिवार को शबाब मार्केट में नागरिकता कानून को लेकर एक जलसा था जिसमें नदवा कॉलेज के छात्रों को भड़काने का प्रयास किया गया था। 

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