लखनऊ। जिस बात की आशंका थी वही हुआ। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने उतरे प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर अराजक भीड़ में बदल गए। हिंसा पर आमादा लोगों ने जमकर पथराव और आगजनी की। प्रदेश में अब तक एक बच्चे समेत 14 लोगों के दम तोड़ने की खबर है। इस बच्चे ने भीड़ के बीच कुचल जाने की वजह से दम तोड़ दिया। उपद्रवियों द्वारा किए गए पथराव और फायरिंग में एक एसपी समेत पुलिस के दर्जनों अधिकारी-जवान भी घायल हुए हैं। शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर अधिकारियों को लोगों से संवाद स्थापित कर सीएए को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के निर्देश दिए।
जुमे की नमाज के बाद मेरठ, हापुड़, कानपुर, फीरोजाबाद, बुलंदशहर, गोरखपुर, बिजनौर, सहारनपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर समेत करीब 15 जिले सुलग उठे। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और 50 से अधिक वाहनों को आग लगा दी।
कानपुर में बेगमपुरवा, अजीतगंज कॉलोनी में बेकाबू भीड़ ने पुलिस पिकेट पर हमला कर उनकी पांच बाइकें फूंक दीं। पथराव में दो दारोगा और एक सिपाही घायल हो गए। इस बवाल में घायल 12 लोग एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। इनमें तीन के पेट और एक के सीने में गोली लगी है। घायलों में आफताब आलम नामक एक युवक की मौत हो गई।
वाराणसी के बजरडीहा क्षेत्र में हिंसक झड़क के बाद हुई भगदड़ में धरहरा मुहल्ला निवासी आठ वर्षीय मुहम्मद सगीर गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसकी मौत बीएचयू ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान रात में हुई। डीएम कौशलराज शर्मा के अनुसार सगीर की मौत भीड़ में कुचल जाने की वजह से हुई।
मेरठ में जुमे की नमाज के बाद कोतवाली थाने पर उपद्रवियों ने सीओ और सिपाही पर पर पथराव कर दिया और इस्लामाबाद चौकी में आग लगा दी। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई लेकिन पुलिस दो की मौत होने की पुष्टि कर रहा है। आसिफ नाम के युवक की मौत की पुष्टि नहीं की गई है। मुजफ्फरनगर में उन्मादी भीड़ ने पथराव, पेट्रोल की बोतलें फेंकीं। देना बैंक की शाखा को आग के हवाले कर दिया। पुलिस, पीएसी और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ कर उनमें आग लगा दी। यहां एक व्यक्ति की मौत हो गई। सम्भल में भी जमकर उपद्रव हुआ। यहां एक व्यक्ति की मौत हुई है
फीरोजाबाद में नमाज के बाद शहर में जमकर उपद्रव हुआ। नारखी इंस्पेक्टर ब्रजेश सिंह के साथ मारपीट कर उनकी पिस्टल लूट ली। बेकाबू भीड़ ने नालबंद चौकी में आग लगा दी। पुलिस को कई बार हवाई फायरिंग करनी पड़ी। भीड़ की ओर से भी फायरिंग हुई। इस बीच गोली लगने से मोहम्मदगंज मुहल्ले के नबी जान (27) की मौत हो गई। फीरोजाबाद की हिंसा में देर रात राशिद (24) पुत्र कल्लू निवासी कश्मीरी गेट फीरोजाबाद की भी मौत हो गई।
गोरखपुर में कोतवाली इलाके में नखास चौराहे पर नमाज के बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। रामपुर में सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम समेत 500 लोगों को शांतिभंग की आशंका में निरुद्ध किया गया। प्रयागराज में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे डेढ़ सौ लोग हिरासत में लिए गए।
बिजनौर में उपद्रवियों ने अस्पताल, दुकानों, कारों और बसों में तोडफ़ोड़ कर दी। आगजनी के साथ फायरिंग की। तीन व्यक्तियों को गोली लगी है, जिनमें दो की मौत हो गई। करीब 50 से अधिक लोग और पुलिसकर्मी घायल हैं। गाजियाबाद में पांच जगह हुए बवाल में सीओ समेत 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। हापुड़ में भी जमकर पथराव हुआ। बहराइच में नमाज के बाद उपद्रवियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई और पथराव किया, जिसमें दो दारोगा, चार सिपाही और 12 अन्य लोग घायल हो गए। बलरामपुर, सीतापुर में भी पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। फर्रुखाबाद में जुलूस रोकने पर आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया।
एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल
मुजफ्फरनगर में हिंसा के दौरान एसपी सिटी सतपाल अंतिल को पैर में गोली लगी। एक निजी अस्पताल में पैर का आपरेशन कर गोली निकाली गई। बिजनौर में एक सिपाही के पेट में गोली लगी, जबकि मेरठ में दो सिपाही गोली लगने से घायल हुए हैं। डीजीपी ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस ने 667 आरोपितों को हिरासत में लिया। हिंसा के दौरान कुल 38 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बाधित रखा गया।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि शुक्रवार को नमाज के बाद सुनियोजित ढंग से प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और पुलिस पर हमला बोला। उपद्रवियों ने कम उम्र के बच्चों को आगे किया जिनकी सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस ने संयम बरतते हुए त्वरित कार्रवाई की।