नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमिश शाह के खिलाफ की गईं आचार संहित उल्लंघन की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह इन पर आगामी 6 मई को कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले फैसला ले। इस संबंध में चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत को जानकारी दी कि वह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस की 11 शिकायतों में से दो पर पहले ही फैसला दे चुका है।
दोनों शीर्ष भाजपा नेताओं पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाने वाली कांग्रेस की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था जिसका आयोग को गुरुवार को जवाब देना था।
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने दायर की है याचिका
दरअसल, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष व सांसद सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जो शिकायत दर्ज कराई गई है, उस पर कार्रवाई की जाए। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री और अमित शाह ने वोट मांगने के लिए सशस्त्र बलों और रक्षाकर्मियों का उल्लेख किया है।
सुष्मिता देव असम की सिलचर लोकसभा सीट से सांसद हैं और 17वीं लोकसभा के लिए वह यहां से कांग्रेस की उम्मीदवार भी हैं।
सिंघवी ने आचार संहिता को कहा था “मोदी कोड ऑफ कंडक्ट”
इससे पहले कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव के दौरान सभी दलों को समान अवसर के मुद्दे को लेकर धोखा’ दिया है। उन्होंने इस मामले में चुनाव आयोग की चुप्पी को लेकर सवाल भी उठाया था। सिंघवी ने चुनाव आयोग से यह सवाल पूछा था कि क्या मोदी और शाह आदर्श आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं। सिंघवी ने चुनाव आयोग को “इलेक्शन ओमिशन” कहते हुए आचार संहिता को “मोदी कोड ऑफ कंडक्ट” कहा था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि दोनों भाजपा नेता आदर्श आचार संहिता का व्यापक रूप से उल्लंघन करते हुए अपने भाषणों में वोटों का ध्रुवीकरण, चुनाव प्रचार के दौरान सशस्त्र बलों का उल्लेख और चुनाव वाले दिन रैलियां कर रहे हैं।