भारत संचार नगर लिमिटेड (बीएसएनएल) , BSNL, , MTNL,

नई दिल्ली। भारत संचार नगर लिमिटेड (बीएसएनएल) की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 54 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने की तैयारी से जुड़ी खबरों को लेकर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी सरकार बीएसएनएल एवं एमटीएनएल को ‘धीमा जहर’ दे रही है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि निजी संचार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘सूटबूट वाली सरकार’ भारत में संचार क्रांति की सूत्रधार रहीं इन दोनों सरकारी कंपनियों को बंद करने की साजिश कर रही है।

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”नरेंद्र मोदी जी का मॉडल सरकारी धन से अपने पूंजीपती मित्रों को बचाना और सरकारी कंपनियों को डुबाना है। हमारा आरोप है कि प्रधानमंत्री दशकों से फायदे में चली आ रही कंपनियों को बंद करने की साजिश कर रहे हैं। हम विशेष रूप से बीएसएनएल और एमटीएनल के संदर्भ में यह बात कर रहे हैं।”

उन्होंने दावा किया, ”इस चुनाव के बाद मोदी सरकार बीएसएनएल के 54 हजार कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में है। एमटीएनएल के कर्मचारियों की रोजीरोटी भी खतरे में पड़ गई है। सूटबूट की सरकार चुनिंदा उद्योगपतियों को जनता के पैसे से प्रोत्साहन पैकेज देती है, लेकिन बीएसएनल एवं एमटीएनएल को बंद करने की साजिश कर रही है। इस सरकार की पूरी कोशिश सरकारी कंपनियों को खत्म करने की है।” 

उन्होंने कहा, ”पहली बार ऐसा हुआ है कि बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को महीनों तक वेतन नहीं दे पाई है। निजी कंपनियों कर्ज लेने की छूट है, लेकिन बीएसएनएल एवं एमटीएनएल को बैंक से कर्ज लेने की छूट नहीं है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम नहीं दे रही है।

सुरजेवाला ने सवाल किया, ”मोदी जी आप नौकरियां छीनकर और इन सरकारी कंपनियों को धीमा जहर देकर क्यों मार रहे हैं? आप सरकारी कंपनियों की बजाय निजी कपंनियों को प्रोत्साहन पैकेज क्यों दे रहे हैं?” उन्होंने कहा कि देश की जनता सरकारी कंपनियों को कमजोर करने और निजी मजबूत करने के लिए नरेंद्र मोदी को कभी माफ नहीं करेगी। खबरों के मुताबिक आर्थिक स्थिति सही करने के लिए और बीएसएनएल को फिर से पटरी पर लाने के लिए कंपनी बोर्ड ने कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। कॉस्ट कटिंग के लिए 54 हजार कर्मचारियों को समय पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृति देने तथा कई और सुझावों को भी बोर्ड स्वीकार किया है।

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