रोहतक। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद से ही दिशाहीनता का शिकार लग रही कांग्रेस को रविवार को तब बड़ा झटका लगा जब सोनिया गांधी के बेहद खास माने जाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अलग राह पर चलने के संकेत दिए। यहां आयोजित महापरिवर्तन रैली में उन्होंने कहा, “कांग्रेस पहले वाली नहीं रही और अब भटक गई है। मैं यहां सारी चीजों से मुक्त होकर अपनी बात कहने आया हूं। खुद को अतीत से मुक्त करता हूं। मुझे नेताओं और रैली में मौजूद लोगों द्वारा कोई भी फैसला लेने का जो अधिकार दिया है उसके लिए मैं एक कमेटी का गठन करुंगा। कमेटी की सलाह पर इस बारे में कोई भी फैसला लूंगा।”
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के सभी विवादित प्रवाधान हटाने की चर्चा करते हुए हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस थोड़ी राह भटक गई है। हुड्डा ने कहा, “मैं 72 साल का हो गया हूं और रिटायर होना चाहता था लेकिन हरियाणा की हालत देखकर संघर्ष का फैसला किया। देशहित से ऊपर कुछ नहीं। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का हमारे (कांग्रेस) कु्छ नेताओं ने विरोध किया, यह सही नहीं था। मैंने देशहित के इस निर्णय का समर्थन किया।“ उन्होंने कहा, “उसूलों के लिए टकराना भी जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा दिखना जरूरी है।”
अपने परिवार की चार पीढि़यों के पार्टी से जुड़ाव और इसके लिए योगदान की चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अब कांग्रेस पहले वाली नहीं रही।“
महापरिवर्तन रैली में नेताओं के तेवर तीखे दिखे। करण सिंह दलाल ने साफ कहा कि कांग्रेस नेतृत्व यदि हरियाणा में पार्टी की कमान हुड्डा को नहीं दे तो अलग राह अपनाई जाए। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रघुबीर कादियान ने एक लाइन का प्रस्ताव रखा कि हुड्डा जो भी फैसला करेंगे उसके साथ हम सभी खड़े हैं। उन्होंने जनसभा लोगों से हाथ उठवाकर इसका समर्थन कराया।