नई दिल्ली। राजदूतावास/उच्चाय़ोग वह कड़ी है जो दो देशों के बीच संबंध और बेहतर बनाने का काम करता है। लेकिन, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग इसके उलट चलते हुए भारत में अशांति फैलाने के लिए फंडिंग करता रहा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) द्वार की गई जांच में उसकी इस काली करतूत का पर्दाफाश हुआ है। यह भी पता चला है कि कश्मीर में हिंसा भड़काने के पीछे पाकिस्तान की गहरी साजिश रही है।
दरअसल, एनआईए ने आतंकी फंडिंग के एक मामले में तीन हजार पन्नों का पूरक आरोप पत्र दाखिला किया है। इसी में उसने पाकिस्तानी उच्चायोग की भूमिका का भंडाफोड़ किया है। जांच एजेंसी की ओर से आरोप पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए खुद पाकिस्तानी हाईकमीशन ने अलगाववादियों का समर्थन किया था।
वर्ष 2017 के टेरर फंडिंग केस और आतंकी सरगना हाफिज सईद से जुड़े इस मामले में एनआईए ने दिल्ली की एक अदालत में तीन हजार पन्नों का पूरक आरोप पत्र जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक व चार अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ दाखिल किया। जांच एजेंसी ने इस आरोप पत्र में दावा किया है कि पाकिस्तानी उच्चायोग ने कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए धन मुहैया कराने के लिए अलगाववादियों का समर्थन किया था।