रियाद। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। शिक्षण संस्थान, परिवहन सेवाएं, उद्योग धंधे यहां तक धार्मिक स्थल तक बंद है। तिरुपति बालाजी देवस्थानम्, वैष्णो देवी मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मस्थान, काशी विश्वनाथ मंदिर, बेटिकन बंद हैं। उमरा पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है और खाड़ी क्षेत्र की लगभग सभी मस्जिदें बंद हैं। और अब तो ऐसा होने की आशंका है जैसा 222 साल में पहले कभी नहीं हुआ। हज यात्रा भी रद्द होने की आशंका है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार, सभी सक्षम मुस्लिमों के लिए जीवन में एक बार हज यात्रा अनिवार्य है। सऊदी अरब में स्थित मक्का और मदीना के कारण यहां हर साल दुनियाभर से औसतन 20 लाख मुस्लिम जुटते हैं।

सऊदी अरब के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण इस साल जुलाई में होने वाली हज यात्रा रद्द की जा सकती है। ऐसा इससे पहले 1798 में किया गया था। सऊदी सरकार ने बीती 27 फरवरी को उमरा पर बैन लगा दिया था। उमरा हज की तरह ही होता है लेकिन एक निश्चित इस्लामी महीने में मक्का और मदीना की यात्रा को हज कहा जाता है। महामारी को रोकने के लिए सऊदी अरब सरकार ने पहले ही सभी सीमाएं सील कर दी हैं।

हज यात्रा का समय चंद्र कैलेंडर से तय किया जाता है। यह सालाना इस्लामिक कार्यक्रमों का प्रमुख हिस्सा है। वर्ष 1918 फैले फ्लू के दौरान भी इसे रद्द नहीं किया गया था। अगर हज यात्रा रद्द होती है तो सऊदी अरब के लिए यह साल भारी घाटे का होगा क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमतें पहले ही गिरी हुई हैं। ऐसे में हज यात्रा से मिलने वाले रुपये भी नहीं आयेंगे। पिछले साल यहां करीब 20 लाख लोग पहुंचे थे। सऊदी को हर साल हज यात्रा से 91 हजार 702 करोड़ रुपए (12 अरब डॉलर) की आमदनी होती है

गौरतलब है कि सऊदी अरब में कोरोना वायरस के करीब 1500 मामले सामने आए हैं जिनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे पश्चिम एशिया में करीब 72 हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 

सऊदी अरब के उमरा मंत्री मुहम्मद सालेह बिन ताहिरकह चुके हैं, ‘‘हमारी सरकार सभी देशों के मुसलमानों की सुरक्षा की तैयारी में है। दुनियाभर के मुस्लिमों से अपील हैं कि जब तक हमारी ओर से साफ न कर दिया जाए, तब तक सभी यात्रा अनुबंधों को रोक दिया जाए।’’

लंदन में किंग्स कॉलेज में वॉर स्टडीज के लेक्चरर शिराज मेहर ने कहा, ‘‘सऊदी अरब सरकार के अधिकारी लोगों को मानसिक रूप से तैयार कर रहे हैं ताकि यात्रा रद्द हो तो ऐसा नहीं लगे कि यह पहली बार हो रहा है। वे अतीत में हुई घटनाओं को जिक्र कर यह बताना चाहते हैं कि विशेष परिस्थतियों में हज यात्रा रोकी गई और ऐसा एक बार और हो सकता है।’’

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