नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज आगामी 1 मार्च से शुरू हो रहा है। इस फेज में निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है, लेकिन यहां वैक्सीन लगवाने वालों को शुल्क चुकाना होगा। गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शनिवार को कहा कि राज्य के निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने वालों को 250 रुपये देने होंगे। हालांकि अन्य राज्यों में टीके को लेकर स्थिति साफ नहीं है लेकिन इस बीच एक न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने वालों को सर्विस चार्ज समेत 250 रुपये चुकाने पड़ेंगे। हालांकि, आखिरी फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय लेगा।

वैक्सीन की एक खुराक के लिए कॉस्ट-ब्रेकअप 150 रुपये बताई जा रही है और इसमें सेवा शुल्क के रूप में 100 रुपये और जुड़ जाएंगे और फिर निजी अस्पताल लाभार्थियों से कीमत वसूलेंगे। सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लिया गया है। इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचना भेजी जा रही है। कोल्ड चेन प्वाइंट वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर टीके संगृहीत किए जाएंगे। निजी अस्पताल एवं क्लीनिक अपने आस-पास के सार्वजनिक अस्पतालों से टीके की खुराक प्राप्त कर सकेंगे।

सरकारी अस्पतालों में फ्री में लगेगा टीका

वैक्सीनेशन के तीसरे फेज में करीब 12 हजार सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीके निशुल्क लगाए जाएंगे। इस फेज में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगेगी। इसके साथ ही 45 से 60 की उम्र के ऐसे लोगों को भी वैक्सीन लगेगी जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। केंद्र सरकार का आकलन है कि करीब 27 करोड़ लोग इस श्रेणी  में आते हैं।

गंभीर बीमारी होने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा

जिन लोगों की उम्र 60 साल या ज्यादा है, उन्हें रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के समय भी आईडी कार्ड साथ रखना होगा। 45 से 60 साल के लोगों को मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा जिससे साबित हो सके कि वे गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। केंद्र सरकार सूची जारी करने वाली है कि किन गंभीर बीमारियों को प्रथमिकता दी जाएगी। एक फॉर्म भी जारी हो सकता है जिसे जांच के बाद डॉक्टर से भरवाना पड़ेगा।

देश में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन में अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड इस्तेमाल की जा रही है। हालांकि, लोगों को अपनी पसंद से वैक्सीन चुनने का ऑप्शन नहीं दिया जा रहा। बताया जा रहा है कि सरकार ने कोवीशील्ड की एक डोज 210 रुपये और कोवैक्सिन की 290 रुपये के हिसाब से खरीदी है।

 
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