न्यूयॉर्क। महामारी जब फैलती है तो वह छोटे-बड़े, धर्म-जाति, ताकतवर-कमजोर किसी का लिहाज नहीं करती है। कोरोना वायरस ने भी इसकी तस्दीक कर दी है। जी हां, दुनिया की आर्थिक और सामरिक महाशिक्त अमेरिका भी कोरोना वायरस के सामने सहमा हुआ नजर आ रहा है। तमाम एहतियात और उपायों के बावजूद कोरोना ने ऐसा कहर ढाया कि पिछले तीन दिनों में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़कर दोगुना से ज्यादा यानी 19 हजार से अधिक हो गई है। 230 पीड़ि‍तों की मौत भी हो चुकी है। जानलेवा वायरस पर अंकुश लगाने के प्रयास में कैलिफोर्निया के बाद न्यूयॉर्क और इलिनोइस राज्यों में भी आवाजाही और कारोबारी गतिविधियां बंद कर दी गई हैं। न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस और शिकागो जैसे प्रमुख शहर भी बंद हो गए हैं। पाबंदियों के चलते इन राज्यों की करीब दस करोड़ आबादी घरों में “कैद” हो गई है।

न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने शुक्रवार को राज्य में सभी गैर जरूरी कारोबारों को बंद करने के साथ ही लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। इससे पहले कैलिफोर्निया में लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। न्यूजर्सी, नवादा, कनेक्टिकट और पेंसिल्वेनिया राज्यों में भी ऐसे ही उपाय किए गए हैं।

इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने रूस, ईरान और चीन पर आरोप लगाया है कि ये देश कोरोना वायरस को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी नागरिकों को सोशल मीडिया पर इसके प्रति जागरूक रहने की अपील की है।

ट्रंप ने फिर साधा चीन पर निशाना

अमेरिका में कोरोना वायरस तेजी से फैलने के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि उनका देश महामारी के खिलाफ जंग जीत रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पूरे अमेरिका में लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही ट्रंप ने चीन पर फिर निशाना साधते हुए कहा, “मेरे चीन और यहां के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अच्छे संबंध हैं  लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इसी देश से कोरोना वायरस शुरू हुआ और नियंत्रण से बाहर हो गया।”

अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस की टीम का एक सदस्य कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है। उसका टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। ह्वाइट हाउस में यह पहला मामला बताया जा रहा है। पेंस की प्रेस सचिव कैटी मिलर ने एक बयान में कहा, “ना तो राष्ट्रपति ट्रंप और ना ही उपराष्ट्रपति उसके करीबी संपर्क में आए।”

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