नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। लॉकडाउन की वजह से आर्थिक/कारोबारी गतिविधियां लगभग ठप हैं। उद्योगों और निर्माण कार्यों से जुड़े दिहाडी श्रमिकों के सामने सबसे ज्यादा संकट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगों से अपील की है कि वे श्रमिकों, भले ही वे नियमित कर्मचारी न हों, का वेतन नहीं काटें। दूसरी ओर दुकानों, फैक्ट्रियों, निजी संस्थानों में हर श्रेणी के सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। एक निजी कपड़ा कंपनी की ओर से दायर इस याचिका में केंद्र सरकार के 29 मार्च 2020 के आदेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
याचिका में ये दलील दी गई है कि जब फैक्ट्री में उत्पादन बंद है और कहीं से भी पैसा नहीं आ रहा है तो वह कर्मचारियों को वेतन के लिए पैसा कहां से लाए। याचिकाकर्ता नगरीका एक्सपोर्ट्स लिमिटेड का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बिना रिवेन्यू के उसके लिए 1400 कामगारों और 150 अन्य कर्मचारियों को वेतन देना संभव नहीं है।
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