नई दिल्ली। देश में कोरना वायरस संक्रमण की स्थिति और लॉकडाउन को लेकर शनिवार को वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अब स्वस्थ और समृद्ध भारत के लिए जान भी जरूरी है और जहान भी। देश का प्रत्येक व्यक्ति दोनों की चिंता करते हुए अपना दायित्व निभाएगा।” इससे पहले 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा करते हुए उन्होंने लोगों से घरों में रहने की अपील की थी और कहा था, “जान है तो जहान है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था तो प्रारंभ में बल दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत आवश्यक है। देश के अधिकतर लोगों ने इस बात को समझा और घरों में रहकर अपना दायित्व भी निभाया। हम सभी ने भी इसी मंत्र पर चलते हुए देशवासियों की जिंदगी बचाने का प्रयास किया। अब भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी, जहान भी, इन दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है।” 

उन्होंने आगे कहा, “जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा, तो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई औऱ मजबूत होगी।” बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लिए अगले तीन से चार सप्‍ताह काफी क्रिटिकल हैं। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने के लिए सुझाव दिए।

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